न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): दिल्ली उच्च न्यायालय (Delhi High Court) ने बीते बुधवार दिल्ली पुलिस को एक होमोसेक्सुअल महिला को पुलिस प्रोटेक्शन मुहैया करवाने के फरमान जारी किये। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की सिंगल बेंच ने महिला को पुलिस प्रोटेक्शन देने के लिए लाजपत नगर एसएचओ को तलब किया। याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि उसकी उम्र 23 साल है। परिवार वाले अच्छे से जानते है कि उसका सेक्सुअल झुकाव (Sexual orientation) लेस्बियन है। बावजूद इसके घर वालों ज़बरन उसकी शादी पुरूष से करवा दी।
याचिकाकर्ता का पक्ष देखते हुए अदालत ने ये सुनिश्चित किया कि, उसके यौन रूझान को लेकर पिता, ससुर और उसके पति से लड़ाई झगड़े के कोई हालात ना बने। खासकर उसका बचाव डराने, धमकाने और मारपीट से हो। उसे किसी से बातचीत करने से ना रोका जाये। वो आसानी से अपने मायके और ससुराल आ जा सके। साथ ही कोर्ट ने उसके सेक्सुअल ऑरियन्टेशन में सुधार के लिए सर्जरी कराने की बात भी कहीं।
याचिकाकर्ता ने अदालत को बताया कि उसने 12 अक्टूबर, 2019 को उसकी शादी ज़बरन (Forced marriage) एक पुरूष से करवा दी गयी थी। उसके परिवार वालों उसके सेक्सुअल रूझान के बारे में अच्छे से वाक़िफ थे। घर वालों का पता था कि उनकी बेटी लेस्बियन है। पीड़ित महिला ने एक गैर सरकारी संस्था एक्ट नाउ फॉर हार्मनी एंड डेमोक्रेसी (अनहद) की मदद से फौरी हिफाजत लेकर कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था।