न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): Hijab Contorversy: कर्नाटक सरकार ने पांच दिनों की छुट्टी के बाद आज से राज्य में कक्षा 9 और 10 के लिये स्कूलों को फिर से खोल दिया। इस बीच कॉलेज 15 फरवरी तक बंद हैं। राज्य सरकार जल्द ही कॉलेजों को फिर से शुरू करने का फैसला करेगी, क्योंकि उडुपी कॉलेज (Udupi College) में मुस्लिम छात्रों को कक्षाओं में हिजाब पहनने से रोक दिया गया था।
उडुपी में पुलिस ने शनिवार तक छह दिनों के लिये परिसरों के पास निषेधाज्ञा लागू कर दी है। दूसरी ओर कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) आज मुस्लिम लड़कियों के हिजाब पहनकर कक्षाओं में बैठने की मंजूरी देने की याचिका पर सुनवाई फिर से शुरू करेगा। बीते शुक्रवार को इस मुद्दे पर अंतरिम आदेश पारित किया गया था, जिसमें छात्रों से कहा गया कि वो शैक्षणिक संस्थानों में जहां वर्दी तयशुदा है, वहां क्लास में कोई भी धार्मिक पोशाक न पहनें।
इस बीच विपक्ष आज से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में इस मुद्दे पर भाजपा राज्य सरकार से सवाल करने के लिये तैयार है। संवेदनशील इलाकों में एक हफ्ते के लिये धारा 144 लागू कर दी गयी है और समुदाय के लोगों से आश्वासन लिया गया है कि वे हिजाब विवाद को और आगे नहीं बढ़ायेगें।
वहीं दूसरी ओर उडुपी के भाजपा विधायक के रघुपति भट (BJP MLA K Raghupati Bhat) को स्थानीय और अंतर्राष्ट्रीय नंबरों से धमकी भरे कॉल आने का दावा करने के एक दिन बाद पुलिस ने उन्हें सशस्त्र गार्ड मुहैया कराया।
उडुपी में लागू की गयी ये निषेधाज्ञा
पुलिस ने शनिवार तक छह दिनों के लिये उडुपी में संस्थानों के पास निषेधाज्ञा लागू कर दी है। दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गयी है। ये आदेश कानून-व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से आते हैं क्योंकि जिलों में स्कूल फिर से खुल रहे हैं।
खासतौर से उडुपी का दक्षिणी कर्नाटक जिला (Southern Karnataka District) मौजूदा हिजाब विवाद के केंद्र में है। उडुपी में सभी हाई स्कूलों के 200 मीटर के दायरे में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू रहेगी। निषेधाज्ञा 14 फरवरी (सोमवार) को सुबह 6 बजे से 19 फरवरी (शुक्रवार) को शाम 6 बजे तक लागू रहेगी। ये उडुपी जिले के तीन अनुमंडलीय पुलिस अधिकारियों की गुज़ारिश पर जारी किया गया है।
आदेश के मुताबिक विद्यालय के आसपास पांच या ज़्यादा लोगों के इकट्ठा होने की इजाज़त नहीं है। विरोध प्रदर्शन और रैलियों, हथियार ले जाने, जुलूस निकालने समेत सभी तरह की सभाओं पर प्रतिबंध है। नारे, गीत और भड़काऊ भाषणबाज़ी कर सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने वाली कोई भी गतिविधि करने पर सख्त रोक है।