न्यूज डेस्क (प्रियंवदा गोप): Hijab Controversy: हिजाब विवाद से जुड़ी ताजा खबरों के मुताबिक फरवरी और मार्च के महीने में हिज़ाब से जुड़े विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले छात्र-छात्राओं को कक्षा 12 की प्रैक्टिकल परीक्षाओं में फिर से बैठने की मंजूरी नहीं दी जायेगी। यानि कि ऐसे कई सैकड़ों छात्र-छात्रायें हैं, जिन्होंने अपने मार्क्स भुनाने का मौका गंवा दिया है।
दो दिन पहले ही कर्नाटक सरकार (Government of Karnataka) छात्रों को परीक्षा में फिर से बैठने का मौका देने पर विचार कर रही थी, लेकिन बीते रविवार (20 मार्च 2022) को कर्नाटक सरकार ने ऐलान किया कि उन छात्रों के लिये परीक्षा दोबारा लेने का विकल्प खारिज कर दिया गया है, जिन्होंने पहले परीक्षा नहीं दी थी।
प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश (Education Minister BC Nagesh) ने कहा कि – हम संभावना पर विचार भी कैसे कर सकते हैं? हाईकोर्ट के अंतरिम आदेश (High Court interim order) के बाद भी हिजाब नहीं पहनने पर प्रैक्टिकल का बहिष्कार करने वाले छात्रों को अगर हम परीक्षा में बैठने की इजाजत देते हैं तो दूसरा छात्र किसी और कारण से आकर दूसरा मौका मांगेगा। ये नामुमकिन है”
ध्यान देने वाली बात ये है कि प्रैक्टिकल एक्ज़ाम में 30 मार्क्स होते हैं और थ्योरीटिकल एक्ज़ाम (Theoretical Exam) में 70 मार्क्स। जिससे कुल 100 अंक होते हैं। यानि कि विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लेने की वज़ह से जो छात्र प्रैक्टिकल एक्ज़ाम में नहीं बैठ पाये थे, उन्होंने अपने 30 मार्क्स गवां दिये हैं, लेकिन अगर वो थ्योरीटिकल एक्ज़ाम में अच्छे मार्क्स लाते हैं तो भी वो पास हो सकते हैं।