न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): Hijab Issue: शिक्षा संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं को खारिज करते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) ने आज (15 मार्च 2022) कहा कि “मुस्लिम महिलाओं का हिजाब पहनना इस्लामी आस्था में आवश्यक धार्मिक अभ्यास (Religious Practice) का हिस्सा नहीं है।” मुख्य न्यायधीश अवस्थी ने पूरे मामले का समग्र दृष्टिकोण लेते हुए ये फैसला सुनाया। उन्होनें कुछ सवाल पूछे जो कि इस तरह है।
क्या अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षित इस्लामी आस्था में हिजाब पहनना एक आवश्यक धार्मिक प्रथा है?
क्या स्कूल यूनिफॉर्म का निर्देश अधिकारों का उल्लंघन है?
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने मुस्लिम छात्राओं (Muslim Girl Students) द्वारा कॉलेजों में हिजाब पहनने की मंजूरी देने और 5 फरवरी के सरकारी आदेश को चुनौती देने वाली सभी रिट याचिकाओं को खारिज कर दिया। इसके साथ साफ हो गया कि 5 फरवरी के सरकारी आदेश (Government Order) को अमान्य करने का कोई मामला नहीं बनता।