न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): शिमला जिले (Shimla District) के रामपुर इलाके में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के एक समूह ने शनिवार रात (12 नवंबर 2022) कथित तौर पर प्राइवेट गाड़ी में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) ले जाने के आरोप में एक पोलिंग पार्टी को रोका गया। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में नई सरकार के चुनाव के लिये शनिवार को 68 सीटों पर मतदान हुआ। मामले को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया और मतदान दल पर ईवीएम में छेड़छाड़ करने का भी आरोप लगाया, जिसके बाद जिला चुनाव आयोग के अधिकारियों ने मतदान दल के सदस्यों को तुरंत निलंबित कर दिया।
कांग्रेस विधायक नंद लाल (Congress MLA Nand Lal) ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, “ईवीएम को निजी कार में ले जाया जा रहा था। हमने इसका पीछा किया, मामले को लेकर पुलिस और चुनाव आयोग के अधिकारियों को भी जानकारी दी गयी।”
नियमों के मुताबिक मतदान प्रक्रिया खत्म होने के बाद ईवीएम को सरकारी वाहनों से मतगणना केंद्र तक ले जाना होता है। अधिकारियों के अनुसार 66-रामपुर (एससी) विधानसभा क्षेत्र के लिये विधानसभा चुनाव के बाद शनिवार को मतदान दल आयोजित किया गया था।
जिला चुनाव आयोग के अधिकारियों ने कहा कि उन्हें मतदान पूरा होने के बाद जानकारी मिली कि दत्तनगर -49 को सौंपी गयी पोलिंग पार्टी संख्या 146 उनके निजी वाहन में ईवीएम/वीवीपैट ले जा रही है, जिसका पंजीकरण संख्या एचपी-03डी-2023 है। कांग्रेस (Congress) कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि बीजेपी के इशारे पर ईवीएम/वीवीपैट मशीनों से छेड़छाड़ की मंशा से ले जाया जा रहा था।
मामले की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस प्रशासन ने प्रदर्शनकारियों को शांत करने की कोशिश की और ईवीएम/वीवीपैट मशीनों को स्ट्रांग रूम में भिजवा दिया।
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने स्ट्रांग रूम के बाहर कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में ईवीएम/वीवीपीएटी मशीनों की बारीकी से जांच की और दावा किया कि मशीनों को ठीक से सील कर दिया गया था और कोई छेड़छाड़ नहीं पायी गयी थी।
अधिकारियों ने दावा किया कि मतदान दल ने ईवीएम/वीवीपीएटी मशीनों को सरेंडर करने और जिम्मेदारी से मुक्त होने के लिये जल्दबाजी में प्राइवेट गाड़ी का इस्तेमाल किया। मामले को लेकर रिटर्निंग ऑफिसर (एसडीएम) सुरेंद्र मोहन ने अपने आदेश में कहा कि- “हमने पाया कि पोलिंग पार्टी नंबर 146 निजी वाहन में ईवीएम/वीवीपैट मशीन ले जा रही थी, जो ईसीआई (ECI) के निर्देशों का साफ उल्लंघन है और प्रथम दृष्टया पाया गया कि पोलिंग पार्टी ने उचित प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया है और नियमों का उल्लंघन किया है।”