न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में नयी सरकार चुनने के लिये 12 नवंबर को मतदान होगा। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी से दोतरफा चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। भाजपा ने जहां राज्य में सत्ता बरकरार रखने के लिये मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर (Chief Minister Jai Ram Thakur) पर भरोसा जताया है, वहीं कांग्रेस के पास तीन वरिष्ठ नेता हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री पद के प्रमुख दावेदार के रूप में देखा जा रहा है।
जयराम ठाकुर – बीजेपी
मौजूदा मुख्यमंत्री सिराज विधानसभा सीट (Siraj Assembly Seat) से चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने 1998 से मंडी में चाचिओट और सेराज (चाचिओट का सीमांकित निर्वाचन क्षेत्र) से लगातार पांच विधानसभा चुनाव जीते हैं और पिछली भाजपा सरकार में 2009-2012 के दौरान पंचायती राज और ग्रामीण विकास मंत्री भी थे। ठाकुर ने एबीवीपी (ABVP) के साथ अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू की और 1993 से 1995 तक भाजयुमो के राज्य सचिव का पद भी संभाला। साल 2006 में उन्हें हिमाचल प्रदेश भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया।
साल 2017 के विधानसभा चुनावों में भाजपा ने मौजूदा कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया, लेकिन भगवा पार्टी के नेता और सीएम चेहरे प्रेम कुमार धूमल हार गये।.
प्रतिभा सिंह – कांग्रेस
प्रतिभा सिंह पहली बार साल 2004 में मंडी सीट से लोकसभा के लिये चुनी गयी थीं, जिसकी प्रतिनिधित्व उनके दिवंगत वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) ने भी की था। एक सांसद के तौर पर वो सामाजिक और न्याय अधिकारिता, पर्यटन मंत्रालय और सार्वजनिक उपक्रम की समितियों में सदस्या भी बनी।
प्रतिभा (Pratibha Singh) ने साल 2013 के उपचुनाव में मौजूदा सीएम जयराम ठाकुर को उसी सीट से हराया था, जो वीरभद्र के सीएम पद लेने के बाद खाली हुई थी। भाजपा उम्मीदवार राम स्वरूप शर्मा के निधन के बाद खाली होने के बाद पिछले साल उन्होंने मंडी लोकसभा उपचुनाव (Mandi Lok Sabha by-election) भी जीता था।
मुकेश अग्निहोत्री – कांग्रेस
मुकेश – चार बार के कांग्रेस विधायक रह चुके है। नवंबर 2017 के हिमाचल विधानसभा चुनावों के बाद कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के नेता के रूप में चुने जाने के बाद से ही वो हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) रहे हैं।
इस बार वो हरोली सीट (Haroli Seat) से चुनाव लड़ेगें। अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) ने साल 2003 में ऊना जिले के संतोखगढ़ (अब हरोली के नाम से जाना जाता है) से अपना पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और साल 2007 में फिर से चुने गए। उन्होंने हरोली निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की। बता दे कि साल2012 और 2017 के विधानसभा चुनावों में परिसीमन से पहले हरोली को संतोखगढ़ (Santokhgarh) के नाम से जाना जाता था।
सुखविंदर सिंह सुक्खू – कांग्रेस
पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुखविंदर सिंह नादौन विधानसभा (Nadaun Assembly Seat) क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे हैं। वो तीन बार के विधायक और पार्टी की राज्य चुनाव समिति के प्रमुख हैं, हाल ही में वो सीएम चेहरे के तौर पर उभरे हैं।
हिमाचल प्रदेश से तीन बार के विधायक सिंह को पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय लोगों का भारी समर्थन मिला है। उन्होंने कहा कि, ‘पार्टी सामूहिक नेतृत्व में चुनाव लड़ रही है। अगर हम हिमाचल में सत्ता में आते हैं तो आलाकमान मुख्यमंत्री तय करेगा।”