होली (Holi) का त्यौहार ऋतु के बदलाव का प्रतीक है। तंत्र और मंत्र के मद्देनज़र इन दिन कई दैवीय शक्तियां अत्याधिक सक्रिय होती है। ऐसे में साधारण से किये गये टोटके या तंत्र प्रयोग काफी फलदायी होते है। जातक इन अमोघ टोटकों (Totke) का इस्तेमाल करके मनवांछित फल की प्राप्ति कर सकते है।
आजमाये ये शक्तिशाली टोटके
1. होलिका दहन (Holika Dahan) के समय परिवार के सभी सदस्यों को होली की तीन या सात परिक्रमा करनी चाहिये। परिक्रमा करते समय होलिका में चना, मटर, गेहूं, अलसी डालना चाहिये, ऐसा करने से स्वास्थ्य लाभ के साथ ही धन लाभ होने के योग भी बनते हैं।
2. अपने हाथों से गोबर के कंडे बनाये और इन कंडो को बहन अपने भाई के ऊपर से सात बार वार ले। इसके बाद ये कंडे होलिका दहन में डालें, इससे भाई की बुरी नजर से रक्षा होगी।
3. होलिका दहन की रात एक काला कपड़ा ले, उसमें काले तिल, 7 लौंग, 3 सुपारी, 50 ग्राम सरसों और थोड़ी सी मिट्टी लेकर एक पोटली बना लें। इसे खुद पर से 7 बार वार लें और होलिका दहन में डालें।
4. होलिका दहन के समय होलिका में कपूर भी डालें, इससे हमारे आसपास मौजूद स्वास्थ्य के लिए हानिकारक कीटाणु नष्ट हो जायेंगे।
5. धन हानि से बचाव के लिये होलिका दहन के दिन मुख्य द्वार पर गुलाल (Gulal) छिड़के और उस पर द्विमुखी दीपक जलाये। दीपक जलाते समय धनहानि से बचाव की कामना करें। जब दीपक बुझ जाये तो उसे होली की अग्नि में डाल दें। ये क्रिया श्रद्धापूर्वक करें, धन हानि से बचाव होगा।
6. होली पर पूरे दिन अपनी जेब में काले कपड़े में बांधकर काले तिल रखें, रात को जलती होली में उन्हें डाल दें। अगर पहले से ही कोई टोटका होगा तो वो भी खत्म हो जायेगा।
7. होली दहन के दूसरे दिन होली की राख को घर लाकर उसमें थोड़ी सी राई और नमक मिलाकर किसी बर्तन में रख लें, इस प्रयोग से भूत-प्रेत या नजर दोष से मुक्ति मिलती है।
8. होली पर सुबह जल्दी उठे और स्नान आदि के बाद किसी शिव मंदिर जाये। एक पान पर साबुत सुपारी और हल्दी की गांठ रखकर शिव जी को चढ़ायें। शाम को शिवलिंग (Shivling) के पास दीपक जलायें।
9. होली की रात 12:00 बजे किसी पीपल के नीचे घी का दीपक जलाये, पीपल की सात परिक्रमा करें। इस उपाय से भाग्य की सभी बाधायें दूर हो सकती है।
10. रोगी को रोग से छुटकारा दिलाने के लिये जौ के आटे में काले तिल और सरसों का तेल मिलाकर मोटी रोटी बनाये और उसे रोगी के ऊपर से सात बार उतार कर भैंस को खिला दें। ये क्रिया करते समय ईश्वर से रोगी को शीघ्र स्वस्थ करने की प्रार्थना करते रहे।