न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): आज संसद के सदन में सेना द्वारा नागालैंड में हुई नागरिक हत्याओं पर (Nagaland Firing Incident) गृहमंत्री अमित शाह का बयान सामने आया। जिसमें उन्होनें कहा कि, मामले की जांच के लिये विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया जायेगा जो कि अपनी रिपोर्ट एक महीने के भीतर जमा करेगा। सेना वाहनों को निशाना बनाते हुए जलाया गया और सुरक्षा बलों पर फायरिंग भी की गयी। अपनी रक्षा में सुरक्षा बलों ने उत्पाती भीड़ पर फायर और उसके घायलों को सेना ने ही नज़दीकी अस्पताल में पहुँचाया। फिलहाल वहां कानून व्यवस्था का हालात पूरी तरह सामान्य है। इसके साथ ही एहतियात के लिये अतिरिक्त सुरक्षा बलों (Additional Security Forces) को वहां तैनात कर दिया गया है। मामले पर कानून के तहत वाज़िब कार्रवाई की जायेगी। इस घटना का सेना को भी दुख है।
भारतीय सेना ने एक मेजर जनरल रैंक अधिकारी (Major General Rank Officer) की देखरेख में नागालैंड नागरिक हत्याओं की जांच के लिये कोर्ट ऑफ इंक्वायरी (Court Of Inquiry) का गठन किया है। जांच अधिकारी फिलहाल पूर्वोत्तर में तैनात है। जिसकी देखरेख में कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की कार्रवाई आगे बढ़ेगी। मोन जिले में एनएससीएन (केवाई) आतंकवादियों की गतिविधि के बारे में खुफिया सूचना मिलने के बाद सेना की विशेष बल इकाई इस कथित गोलीबारी में शामिल थी।
बता दे कि सैनिकों ने वाहन पर उस समय गोलियां चलाईं जब वो इलाके में तैनात दूसरी एम्बुश पार्टी (Ambush Party) के सामने से निकल रहे थे। असम राइफल्स की ओर से हुई कथित गोलीबारी में छह नागरिकों की मौत हो गयी। मामले की खब़र मिलने के बाद स्थानीय लोगों ने सेना के काफिले पर हमला बोल दिया। जिसमें छह नागरिकों की मौत हो गयी। दोनों पक्षों के बीच झड़प का माहौल बन गया। जिसमें करीब 8 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
गुस्साये गांववालों ने सुरक्षा बलों की गाड़ियों में आग लगा दी और भीड़ को काबू करने के लिये सुरक्षा बलों द्वारा की गयी गोलीबारी में कुछ लोगों को कथित तौर पर गोली मार दी गयी। जिसके बाद नागालैंड के मुख्यमंत्री नेफिउ रियो (Nagaland Chief Minister Neiphiu Rio) ने बीते रविवार (5 दिसंबर 2021) को नागरिकों की हत्याओं की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये।
इस मामले पर सीएम नेफिउ रियो ने कहा कि- गृह मंत्री जी इस मामले को गंभीरता से ले रहे हैं, हमने घटना में प्रभावित लोगों को सहायता राशि दी है। हम केंद्र सरकार से कह रहे हैं कि नागालैंड से AFSPA को हटाया जाए क्योंकि इस कानून ने हमारे देश की छवि धूमिल कर दी है।
हाल ही सेना ने अपने बयान में कहा कि, उग्रवाद रोधी ऑप्रेशन (Counter Insurgency Operation) में हुए दुर्भाग्यपूर्ण नुकसान पर गहरा खेद है। मामले की उच्चतम स्तर पर जांच की जा रही है। घटना के एक दिन बाद राज्य सरकार ने रविवार को मोन जिले के पूरे इलाके में सभी मोबाइल इंटरनेट, डेटा सेवाओं, सभी प्रोवाइडर्स के थोक एसएमएस पर रोक लगा दी।