नई दिल्ली (एएनआई): सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) सरकार और दिल्ली पुलिस (Delhi Police) को राष्ट्रीय राजधानी के शाहीन बाग (Shaheen Bagh) इलाके में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के खिलाफ चल रहे विरोध को लेकर नोटिस जारी किया।
न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की दो-न्यायाधीश पीठ ने दिल्ली पुलिस और सरकार को नोटिस जारी किया है, मामले की अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी। न्यायालय शाहीन बाग से कालिंदी कुंज और नोएड़ा का रास्ता प्रदर्शनकारियों से खुलवाने से जुड़ी दो याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जहां पिछले 55 दिनों से सीएए का विरोध प्रदर्शन चल रहा है।
सुनवाई के दौरान, जस्टिस कौल ने जारी विरोध-प्रदर्शन पर भारी नाराज़गी ज़ाहिर की और कहा: “धऱना काफी लंबे समय से चल रहा है, सार्वजनिक सड़क पर इस तरह आवाज़ाही कैसे रोकी जा सकती है ? “दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में हाल ही में लोगों द्वारा, खासतौर से मुस्लिम महिलाओं ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (Citizenship Amendment Act), राष्ट्रीय सुरक्षा रजिस्टर (National Population Register) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (National Register of Citizens) के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रही है, जिसने पूरे देश का ध्यान इस ओर खींचा है।
उच्च न्यायालय ने नंदकिशोर गर्ग और अमित साहनी द्वारा पिछले हफ़्ते अधिवक़्ता शशांक देव सुधी के माध्यम से दायर जनहित याचिका में कालिंदी कुंज के पास शाहीन बाग से प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए केंद्र और राज्य सरकार से उचित कार्रवाई करने की गुहार लगायी थी।
न्यायालय ने कहा कि दिल्ली (Delhi) से नोएडा (Noida) को जोड़ने सार्वजनिक सड़क पर आवाज़ाही रोककर शाहीन बाग में लोग नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) 2019 के खिलाफ अवैध रूप से विरोध कर रहे हैं।
एडवोकेट शशांक देव सुधी ने सोमवार को इस मामले के जुड़े तथ्यों का उल्लेख, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) शरद अरविंद बोबड़े की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की तीन-न्यायाधीशों की पीठ के सामने किया।