एजेंसियां/न्यूज डेस्क (मृत्युजंय झा): Gwadar: 26 दिन पहले शुरू किये गये “ग्वादर को हक दो” आंदोलन के समर्थन में आज (11 दिसंबर 2021) हजारों लोगों ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान (Balochistan) के बंदरगाह शहर ग्वादर की मुख्य सड़कों पर मार्च किया। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान महिलाएं और बच्चे भी इस मुहिम में शामिल थे। प्रदर्शनकारियों अपनी मांगों के समर्थन में नारों के साथ तख्तियां और बैनर लेकर जुलूस निकाला। प्रदर्शनकारियों ने इमरान सरकार के खिलाफ नारे भी लगाये।
कई मांगों के साथ-साथ हजारों प्रदर्शनकारी पीने का साफ पानी और “ट्रॉलर माफिया” को खत्म करने की मांग कर रहे हैं। जमात-ए-इस्लामी (Jamaat-e-Islami-JI) के बलूचिस्तान महासचिव मौलाना हिदायत-उर-रहमान (Maulana Hidayat-ur-Rehman) ने इस मौके पर कहा कि विरोध असल में प्रांतीय और संघीय सरकारों के खिलाफ जनमत संग्रह था और लोग अपने अधिकारों इसे हासिल करने तक अपना संघर्ष जारी रखेंगे।
जमात-ए-इस्लामी ने आगे कहा कि- ये बलूचिस्तान के वंचित और उत्पीड़ित लोगों का आंदोलन है, जिसमें मछुआरे, गरीब मजदूर और छात्र शामिल हैं, जो तब तक जारी रहेगा जब तक कि उनकी सभी मांगों को माना और लागू नहीं किया जाता।"
बता दे कि वरिष्ठ पाकिस्तानी राजनेता और बलूच मुत्ताहिदा महज़ (Baloch Muttahida Mahj-BMM) के अध्यक्ष यूसुफ मस्ती खान की ग्वादर में गिरफ्तारी के एक दिन बाद ये आंदोलन सामने आया है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक यूसुफ खान को ग्वादर के लोगों द्वारा धरने पर "भड़काऊ और पाकिस्तान विरोधी" भाषण देने के इल्जाम में बीते गुरुवार (9 दिसंबर 2021) को गिरफ्तार कर लिया गया था।
ग्वादर के स्थानीय निवासी बीते 20 दिनों से ज़्यादा समय से ये मुहिम चलाते हुए अपने अधिकारों के लिये मांग कर रहे है। उनके विरोध को दबाने के लिये इमरान खान सरकार (Imran Khan government) और प्रांतीय सरकार ने मौके पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की है। इन दौरान बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियां भी हुई है। पाकिस्तानी अधिकारियों ने कानून-व्यवस्था बनाये रखने और दंगा विरोधी ड्यूटी पर अन्य जिलों से हजारों पुलिस अधिकारियों को ग्वादर रवाना होने के फरमान जारी कर दिये है।