दिल्ली(ब्य़ूरो)- सामाजिक अधिकारिता शिविर प्रयागराज में हिस्सा लेते हुए पीएम मोदी ने दिव्यांगजनों को सहायक सामग्रियों का वितरण किया। कार्यक्रम के दौरान 27 हज़ार दिव्यांगों को ट्रायसाइकिल, व्हीलचेयर सहित दूसरे अन्य उपकरण बांटे गये। कार्यक्रम में पीएम मोदी सहित राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने भी कार्यक्रम में शिरकत की।
कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी संबोधन की बड़ी बातें
- पूरी दुनिया में प्रयागराज की एक नई पहचान बनी। कुम्भ में एक नई परंपरा नजर आई और उसे सफल करने वाले उन सफाई कर्मचारियों के चरण धोने का और मुझे इस महान सिद्धि को पाने वाले उन सफाई कर्मचारियों को नमन करने का अवसर मिला था। आज भी कुछ ऐसा ही सौभाग्य मुझे मां गंगा के तट पर प्राप्त हुआ है। प्रधानसेवक के तौर पर मुझे हजारों दिव्यांगजनों, वरिष्ठ जनों की सेवा करने का अवसर मिला है। थोड़ी देर पहले यहां करीब 27,000 साथियों को उपकरण दिए गए हैं।
- किसी को ट्राय साइकिल मिली, किसी को सुनने की मशीन मिली और व्हीलचेयर मिली है। यहां इस सामाजिक अधिकारिता शिविर में अनेक रिकॉर्ड भी बन रहे हैं। ये उपकरण आपके जीवन से मुश्किलें कम करने में कुछ मदद करेंगे। मैं मानता हूं कि ये उपकरण आपके बुलंद हौसलों के सहयोगी भर हैं। आपकी असली शक्ति तो आपका धैर्य है, आपका सामर्थ्य है, आपका मानस है।
- दिव्यांगों पर अगर कोई अत्याचार करता है, उन्हें परेशान करता है, तो इससे जुड़े नियमों को सख्त किया है। दिव्यांगों की नियुक्ति के लिए विशेष अभियान चलाए। सरकारी नौकरियों में दिव्यांगों के लिए आरक्षण 3% से बढ़ाकर 4% कर दिया है। ये हमारी ही सरकार है जिसने पहली बार दिव्यांगजनों के अधिकारों को स्पष्ट करने वाला कानून लागू किया। इस कानून का एक बहुत बड़ा लाभ ये हुआ है कि पहले दिव्यांगों की जो सात अलग-अलग तरह की कैटेगरी होती थी, उसे बढ़ाकर 21 कर दिया गया।
- एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर अलग-अलग भाषा होने पर भी दिव्यांगों को दिक्कतें होती थीं। पहले ये सोचा ही नहीं किया गया कि दिव्यांगों के लिए एक कॉमन साइन लैंग्वेज हो। हमारी सरकार ने इंडियन साइन लैंग्वेज रिसर्च एंड ट्रेनिंग सेंटर (आईएसएलआरएंडटी) की स्थापना की है। ये हमारी ही सरकार है जिसने सुगम्य भारत अभियान चलाकर देश भर की बड़ी सरकारी इमारतों को दिव्यांगों के लिए सुगम्य बनाने का संकल्प किया। आप वो समय भी याद करिए जब आपको सरकारी दफ्तरों, बस स्टैंड, अस्पताल, कोर्ट, कचहरी हर जगह जाने में दिक्कत होती थी। कुछ जगहों पर अलग रैंप बन जाता था, बाकी जगहों पर बहुत मुश्किल होती थी।
- सीनियर सिटिजन्स के जीवन से इस परेशानी को कम करने के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। गरीब वरिष्ठ नागरिकों को भी जरूरी उपकरण मिलें, इसके लिए हमारी सरकार ने 3 साल पहले ‘राष्ट्रीयवयोश्री योजना’ शुरू की थी। 60 वर्ष की आयु के बाद बुजुर्गों को एक निश्चित राशि पर एकनिश्चित ब्याज मिले, उनका निवेश सुरक्षित रहे इसके लिए हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री वय योजना भी शुरू की थी। इसका मकसद यही था कि अगर बाजार में ब्याज दरें कम हो जाएं तो उसका प्रभाव उन पर कम से कम पड़े।
- पहले अगर बैंक में आपके 10 लाख रुपये थे और बैंक डूब जाए, तो आपको 1 लाख रुपये से ज्यादा नहीं मिलता था। हमने अब नियम बदलकर 1 लाख की जगह 5 लाख कर दिया है। लोगों के पैसों को सुरक्षित करने का काम हमने किया है। इससे बैंकों के प्रति विश्वास भी बढ़ेगा। आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा हो या फिर बीमा योजनाएं, उनका भी लाभ गरीबों को, दिव्यांगजनों को अलग से हो रहा है। गरीब से गरीब देशवासी भी बीमा की सुविधा से जुड़े इसके लिए 2-2 लाख रुपये के बीमा की दो योजनाएं चल रही हैं।