नई दिल्ली (शौर्य यादव): चीन का विस्तारवादी रवैया आए दिन बढ़ता जा रहा है। ताज़ा मामला लद्दाख से लगी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर देखने को मिला। जहां चीनी सेना के हेलीकॉप्टर (Helicopter) उड़ान भर रहे थे। मामले की संवेदनशीलता देखते हुए भारतीय वायु सेना को सुखोई (Sukhoi) लड़ाकू विमान तैनात करने पड़े। जिस इलाके में इस सामरिक ये कवायद हुई वो गैर निर्धारित सीमा क्षेत्र है। हालांकि ये साफ नहीं हो पाया है, चीनी हेलिकॉप्टर आक्रमक उड़ान पर थे या नियमित उड़ान पर। ठीक इसी तरह कई मौकों पर चीन ने ऐसी हरकतों को अंजाम दिया। हाल ही में बीते शनिवार उत्तरी सिक्किम के नाथूला दर्रे के पास चीनी और भारतीय सैनिकों की झड़प हो गई थी। जिसमें दोनों और के सैनिकों को चोटें आई थी। भारत और चीन के बीच 3,488 किलोमीटर लंबी नियंत्रण रेखा विवाद का विषय रही है। जिस पर दोनों देश अक्सर दावा ठोकते रहे हैं। सामरिक जानकारों के मुताबिक ऐसी घटना दोनों देशों के बीच साल 2017 के दौरान पैंगोंग झील के पास अगस्त में देखी गई थी। लंबे तनावपूर्ण हालातों के बाद ब्रिगेड स्तर के कमांडरों के दखल के बाद हालात सामान्य हुए।
भारत पर करीब से नज़रें बनाए हुए हैं बीजिंग
सामरिक और रणनीतिक बढ़त बनाए रखने के लिए चीन ने भारत से 684 किलोमीटर दूर आर्टिफिशियल आइलैंड का निर्माण किया है। फेदूफिनोल्हू नाम की इस आईलैंड को बीजिंग ने मालदीव सरकार से 50 सालों के लिए लीज पर लिया है। सेटेलाइट से ली गई तस्वीरों से खुलासा होता है कि इस आईलैंड पर सड़कें इमारतें और आधारिक ढांचे को तैयार किया। अभी भी चीन इस द्वीप को कृत्रिम तरीके से बढ़ाने में लगा हुआ है। मामले का खुलासा सीआईपीआरआई के हैंस क्रिस्टेंसन ने किया।
चीन के इस रवैये से तकरीबन पूरा विश्व परेशान है। विस्तारवादी नीति, आक्रामक बाजारवाद और लापरवाह आदत दुनिया को तीसरे विश्वयुद्ध की ओर ले जा रही है। अमेरिकी सेक्रेटरी ऑफ स्टेट माइक पॉम्पियो चीन को घेरने के लिए 7 देशों के विदेश मंत्रियों के साथ जल्द ही बैठक करने वाले हैं।