नई दिल्ली (निकुंजा राव): 2014 Haryana Cadre की महिला IAS Officer Rani Nagar ने हालातों के सामने घुटने टेकते हुए आखिरकर ई-मेल के माध्यम से इस्तीफा दे दिया। महिला आईएएस अधिकारी हरियाणा सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग (Social Justice and Empowerment Department) में अतिरिक्त निदेशक और निदेशक अभिलेखागार (अतिरिक्त प्रभार) के पद पर कार्यरत थी। इस्तीफे के साथ ही उन्होनें हरियाणा सरकार (Government of Haryana) से अपने गृहनगर गाज़ियाबाद (Ghaziabad) वापस जाने के लिए गाड़ी और कर्फ्यू पास (Curfew pass) मुहैया करवाने की भी गुहार लगायी है। गौरतलब है कि साल 2018 के दौरान जब रानी नागर की तैनाती बतौर अतिरिक्त सचिव पशुपालन विभाग में थी, तब उन्होनें तत्कालीन एसीएस सुनील गुलाटी पर उत्पीड़न के आरोप लगाये थे। जिसके बाद उन्होनें Chandigarh CGM Court में अधिकारी सुनील गुलाटी सहित पुलिस के कुछ आला अधिकारियों के खिल़ाफ मुकदमें दर्ज करवाये थे। हाल में मिल रही कथित धमकियों के कारण जान-माल के नुकसान का खतरा देखते हुए उन्होनें Facebook के माध्यम से Chandigarh CGM Court से गुहार लगायी थी।
महिला अधिकारी द्वारा Face book पर डाला हुआ Video काफी Viral हुआ था। जिसके बाद से अब तक हरियाणा सरकार की ओर से उन्हें किसी भी तरह की कोई सुरक्षा उपलब्ध नहीं करवायी गयी। फिलहाल वे अपनी बहन रीमा नागर के साथ कमरा संख्या-311, सैक्टर-6, यूटी गेस्ट हाउस चंड़ीगढ में लॉकडाउन के कारण फंसी हुई है। रानी नागर का Social Media पर Video आने के बाद से गुर्जर समाज ने खासी नाराज़गी दर्ज कराते हुए, खट्टर सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने की बात कही थी।
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मौजूदा हालात हरियाणा प्रशासन के लचर रवैये को दिखाते है। अगर सूबे में एक महिला प्रशासनिक अधिकारी (Female administrative officer) इंसाफ की आस लगाकर कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाती है तो उसे धमकियां मिलती है। उसे दिमागी तौर पर इतना परेशान कर दिया जाता है कि, वो नौकरी छोड़ने के लिए बेबस हो जाती है। ऐसे में आम आदमी की क्या बिसात। न्यायपालिका की मौजूदगी और जीवन्त लोकतन्त्र में हुई ये घटना सभ्य समाज को शर्मसार करने के लिए काफी है।