न्यूज डेस्क (निकुंजा राव): वायरस इन्फेक्शन (virus infection) के बीच फेक न्यूज़ (fake news) और अफवाहें केंद्र सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनकर उभर रही है। एक गलत जानकारी लोगों के बीच गहमागहमी का माहौल बना सकती हैं। तकरीबन हर मंच पर सरकार इस समस्या से जूझ रही है। ऐसे में हर आम नागरिक का कर्तव्य बनता है कि बिना जांचे समझे कोई भी जानकारी, तथ्य और सूचना आंख बंद कर सोशल मीडिया पर साझा ना करें। ऐसी उम्मीद आम नागरिकों से की जाती है। लेकिन अगर ऐसी गलती माननीय (राजनेता) करे तो?
कुछ ऐसा ही वाकया ट्विटर पर देखा गया। जब राजनीतिक अज्ञातवास झेल रहे पूर्व भाजपा सांसद उदित राज (Udit Raj) ने अरुण मिश्रा का एक ट्वीट (tweet) साझा किया जिसमें लिखा हुआ था कि, ” ये सोशल मीडिया पर देखा जा रहा है । क्या सच्चाई है , कहना मुश्किल है”
उदित राज के इस ट्वीट पर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (Indian Council of Medical Research) ने तुरंत ही जवाब देते हुए लिखा कि, यह बात पूरी तरह से बेबुनियाद है। आईसीएमआर द्वारा अनुमोदित इंफेक्शन जांच आरटी-पीसीआर किट की कीमत 740-1150 रुपए के बीच तय की गई है और साथ ही रैपिड टेस्ट किट की कीमत 528-795 रुपए निर्धारित की गई है। किसी से भी इन्फेक्शन जांच की एवज़ में 4500 रुपए नहीं लिए जा रहे हैं। कोई भी भारतीय फार्मास्यूटिकल कंपनी यदि कम दरों पर टेस्ट किट की आपूर्ति करना चाहती है तो अनु नागर से संपर्क करें
इंफेक्शन के नाजुक हालातों के बीच जिम्मेदार नागरिक होने का कर्तव्य निभाते हुए हमें सरकार की मदद करना चाहिए। लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए, यदि हम फेक न्यूज़ पर लगाम लगा सके तो ये बड़ा योगदान होगा। इसीलिए आंखें बंद करके कोई भी सूचना, तथ्य, जानकारी और समाचार सोशल मीडिया पर साझा ना करें।