एजेंसियां/न्यूज डेस्क (समरजीत अधिकारी): पाकिस्तान के वित्त सचिव हमीद शेख ने बीते गुरूवार (9 फरवरी 2023) को कहा कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF) ने एक समझौते पर पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिये और वक्त मांगा है, अगर ये समझौता होता है तो 1.1 बिलियन डॉलर के आपातकालीन फंड की रकम फौरी तरीके से इस्लामाबाद (Islamabad) के पास पहुँच जायेगी। बता दे कि बेतहाशा मंहगाई और आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान को पिछले साल आयी विनाशकारी बाढ़ ने काफी हद आर्थिक मोर्चें पर काफी पीछे धकेला दिया है।
पैसे का इस्तेमाल करने के लिए पिछले सप्ताह के आखिर से ही पाकिस्तान आईएमएफ के अधिकारियों के साथ बातचीत की मेजबानी कर रहा है। आर्थिक मंदी दूर करने के लिये बीते दिसंबर में अपेक्षित रकम पाकिस्तान को मिली थी, ये रकम आईएमएफ के $ 6.5 बिलियन बेलआउट का हिस्सा थी।
वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी शेख (Pakistan’s Finance Secretary Hameed Sheikh) ने रॉयटर्स को दिये अपने बयान में कहा कि, “पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच स्टाफ स्तर का समझौता जल्द ही हो जायेगा। आईएमएफ मिशन ने स्टाफ-स्तरीय बातचीत के लिये और समय मांगा है।” उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष कार्रवाई और एडवांस एक्शन पर सहमत हुए थे। कर्मचारी स्तर की वार्ता बीते गुरुवार को खत्म होने वाली थी।
ब्रॉडकास्टर जियो ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि बेलआउट को लेकर दोनों पक्षों के बीच सभी मामले सुलझा लिये गये हैं। रकम जारी करने के लिये आईएमएफ को पाकिस्तान के साथ कर्मचारी-स्तरीय समझौते पर पहुंचने की जरूरत है, जिसके बारे में शेख ने कहा कि वाशिंगटन (Washington) में आईएमएफ के मुख्यालय से सिफारिश मिलने के बाद इस पर सहमति होगी।
विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान को बाहरी भुगतान दायित्वों में चूक करने से रोकने के लिये पैसों की दरकार है, और साथ ही ये कि आईएमएफ सौदा अन्य संगठनों और सरकारों के लिये पैसा मुहैया कराने का रास्ता साफ करता है। किसी भी सौदे की बुनियाद पर मांगे गये वित्तीय समायोजन (Financial Adjustment) से उच्च मुद्रास्फीति को रिकॉर्ड करने की लगभग पुख़्ता संभावना है, जो कि जनवरी में साल-दर-साल 27.5% पर पहुंच गयी।
मामले पर वित्त मंत्री इशाक डार (Finance Minister Ishaq Dar) को गुरुवार को पाकिस्तान के डॉन अखबार से ये कहा कि- “उम्मीद है कि मामले आज सुलझा लिये जायेगें। अगर कोई सौदा हो जाता है और रकम बिखर जाती है तो 6.5 बिलियन डॉलर में से 1.4 बिलियन डॉलर रह जायेगा। साल 2019 में मंजूर बेलआउट कार्यक्रम (Bailout Program) इसी साल जून में खत्म होने वाला है।”
देश की 350 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था के लिये आईएमएफ फंडिंग काफी अहम है। पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार के तीन हफ्ते से भी कम समय के आयात को कवर के साथ भुगतान संतुलन के संकट का सामना कर रहा है। पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री शहबाज़ शरीफ (Prime Minister Shehbaz Sharif) ने पाकिस्तान की गिरती आर्थिक स्थिति को “सोच से परे” बताया था।