नई दिल्ली (शौर्य यादव): बीती 27 जुलाई को Trendy News ने गुरू गोविन्द सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (Guru Govind Singh Indraprastha University) से संबंद्ध Management Education & Research Institute (MERI) से जुड़ी खब़र छपी थी। उक्त खब़र के मुताबिक MERI College, विश्वविद्यालय को बिना किसी औपचारिक माध्यम (Formal medium) से जानकारी दिये बगैर छात्रों की कॉलेज फीस में बेतहाशा बढ़ोत्तरी कर रहा है। जिसके अन्तर्गत बीबीए (तीसरे सेमेस्टर) और बीबीए (पांचवे सेमेस्टर) की फीस में पिछले साल की तुलना में 14,700 रूपये की बढ़ोत्तरी की गयी। ठीक इसी तरह एमबीए (तीसरे सेमेस्टर) और एमसीए (पांचवे सेमेस्टर) की सालाना फीस में 24,000 रूपये की बढ़ोत्तरी दर्ज की गयी।
टैन्ड्री न्यूज़ पर खब़र छपने के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन (University administration) ने मामले को काफी गंभीरता से लिया। साथ ही उस वक्त विश्वविद्यालय प्रशासन से जुड़े अधिकारियों ने औपचारिक तौर पर ऐसी कोई जानकारी ना होने की बात कहीं। लेकिन अब विश्वविद्यालय प्रशासन ने संबद्ध निजी शैक्षणिक संस्थानों (Affiliated private educational institutions) पर नकेल कसने की पूरी तैयार कर ली है।
टैन्ड्री न्यूज़ से खास बातचीत के दौरान इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी (Public Relations Officer of Indraprastha University) ने बताया कि, खबर छपने के बाद विश्वविद्यालय से संबंद्ध निजी शैक्षणिक संस्थानों के कई छात्रों ने संस्थान द्वारा फीस बढ़ाये जाने की शिकायत की। ये संस्थान विश्वविद्यालय को बिना जानकारी दिये फीस बढ़ा रहे है। जिसकी वजह से विश्वविद्यालय की छवि खराब हो रही है।
अब जल्द ही विश्वविद्यालय का प्रशासनिक विभाग प्राइवेट कॉलेज (Private colleges) की मनमानियों पर लगाम कसने की तैयारी करने जा रहा है। जिसके अन्तर्गत बिना किसी पूर्व अनुमति और सूचना के फीस बढ़ाने वाले संस्थानों पर अनुशासनिक कार्रवाई (Disciplinary action) की जायेगी। जिन संस्थानों की ज़्यादा शिकायतें सामने आयेगी तो उनकी मान्यता भी रद्द की जा सकती है। मामले की जांच के लिए जल्द की कार्यकारी आदेश जारी किये जा सकते है।
सूत्रों के मुताबिक विश्वविद्यालय प्रशासन इस तरह के मामलों पर लगाम कसने के लिए समीक्षा समिति (Review committee) भी गठित कर सकता है। अग्रिम कार्रवाई (Advance action) के तहत निजी शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों के फीडबैक के आधार पर विश्वविद्यालय से जुड़े अधिकारी प्राइवेट कॉलेज की आधारभूत सुविधाओं और फीस स्ट्रक्चर का मूल्यांकन (Evaluation of infrastructure and fee structure) भी कर सकेगें। जरूरत पड़ने पर आदेशात्मक और तर्कसंगत कार्रवाई (Prescriptive and rational action) भी की जा सकेगी।