न्यूज़ डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): कानपुर (Kanpur) के चौबेपुर के बिकरू गांव में पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ (Encounter) पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनी हुई है। यूपी पुलिस की जांच प्रक्रिया से नये खुलासे सामने आते जा रहे है। स्पेशल इंवेस्टीगेशन टीम (SIT) विकास दुबे (Vikas Dubey) की धरपकड़ के लिए पूरे सूबे में छापेमारी कर रही है।
उत्तर प्रदेश पुलिस के साइबर सेल ने हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को इलैक्ट्रॉनिक सर्विलांस पर डाल दिया है। जिस तर्ज पर पुलिस टीम पर हमला हुआ, उससे एक बात साफ हो गयी कि बदमाशों के पास पुलिस के आने की जानकारी पहले से ही थी। मामले में सनसनीखेज खुलासा तब हुआ, जब बदमाश विकास दुबे के मोबाइल की सीडीआर निकलवायी गयी।
विकास दुबे की कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड के मुताबिक वो कई पुलिस वालों के सम्पर्क में था। सीडीआर की डिटेल्स के मुताबिक चौबेपुर थाने के एक दारोगा ने पुलिस दबिश की जानकारी पहले ही विकास को दे दे थी। जिसकी मदद से अपराधियों ने वक़्त रहते पुलिस टीम पर फायर खोल दिया। छानबीन में एक सिपाही और होमगार्ड का नाम भी सामने आ रहा है। एसआईटी तीनों से ही कड़ी पूछताछ कर रही है। इन लोगों को जांच प्रक्रिया में सीडीआर के आधार पर ही शामिल किया गया है।
फिलहाल मामले में 12 लोगों को हिरासत में लिया जा चुका है साथ ही थानाध्यक्ष विनय तिवारी को भी सस्पैंड कर दिया गया है। उन लोगों की धरपकड़ तेजी की जा रही है, जिनसे पिछले 24 घंटों के दौरान विकास ने फोन पर बातचीत की थी। 24 घंटे बीत जाने के बाद भी विकास दुबे और उसके गिरोह के सदस्यों की गिरफ्तारी नहीं हो पायी है।
तकरीबन 20 टीमें पूरे प्रदेश भर में छानबीन कर रही है। विकास दुबे का अपराधिक रिकॉर्ड भी खंगाला जा रहा है। उस पर अब तक कुल 35 एफआईआर दर्ज की गयी है। यूपी पुलिस के रडार पर नेपाल से लगता तराई का इलाका खासतौर से शामिल है।
छानबीन में ये भी सामने आया कि, विकास दुबे के घर की बनावट बिल्कुल बंकरनुमा थी। उसने अपने घर की किलेबंदी कर रखी थी। दो बीघे में बने विकास दुबे के घर की बाउन्ड्रीवॉल 12 फीट है। चौड़ाई इतनी कि 4 एसयूवी गाड़िया एक साथ गेट में घुस जाये। घर की पहरेदारी के लिए सीसीटीवी कैमरें लगे हुए है। घर के अन्दर एक अंडरग्राउंड बंकर भी मिला है। हालाँकि पुलिस ने विकास दुबे का घर JCB मशीन से गिरा दिया है।
इलाकों के लोगों से पूछताछ में सामने आया है कि, बिकरू गांव के 20 किलोमीटर के दायरे में छोटे-मोटे अपराधों और सुलह के कामों के लिए विकास दुबे समानांतर कोर्ट लगाता था। जिसकी सुनवाई वो खुद करता था। चौबेपुर, शिवराजपुर, कल्याणपुर, मंधना और बिल्हौर इलाके में उसके नाम से रंगदारी वसूली जाती थी।
आसपास के इलाके के लोग उसके रूतबे से खासा प्रभावित थे। जिसका इस्तेमाल अपराधी विकास दुबे सक्रिय राजनीति में जड़े जमाने के लिए करता था। इसी वर्चस्व की वज़ह से उसने साल 2010 के दौरान जेल रहते हुए अपनी पत्नी को जिला परिषद का चुनाव जितवाया था।