न्यूज डेस्क (शाश्वत अग्रवाल): Mahant Narendra Giri Death: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की मौत के बाद कई लोग सवालों के घेरे में आ गये हैं। इसमें महंत नरेंद्र गिरि और उनके शिष्य आनंद गिरी के बीच मध्यस्थता करने वाले लोग भी शामिल हैं। पुलिस अब इन सभी से पूछताछ करेगी और साथ ही विवाद के कारणों का पता लगाने की कोशिश भी।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार महंत नरेंद्र गिरि की मौत में आठ लोग लाई डिटेक्टर टेस्ट (Lie Detector Test) के दायरे में आ सकते हैं। इसमें प्रयागराज का एक नामी बिल्डर भी शामिल है। इसके अलावा प्रयागराज पुलिस सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रही है।
महंत नरेंद्र गिरि की मौत के मामले में जिन लोगों की जांच चल रही है उनमें आनंद गिरि (महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य), आध्या तिवारी (लट्टे हनुमान जी मंदिर के वरिष्ठ पुजारी), संदीप तिवारी (आध्या तिवारी के बेटे), अजय सिंह (सैनिक) शामिल हैं। इसके अलावा मनीष शुक्ला, अभिषेक मिश्रा, शिवक मिश्रा, प्रयागराज के एक बिल्डर (आनंद गिरी का करीबी), प्रयागराज के कुछ प्रॉपर्टी डीलर और एक स्थानीय नेता (local leader) का नाम भी सामने आ रहा है।
पुलिस के मुताबिक सुसाइड नोट में नरेंद्र गिरि ने खुदकुशी करने की बात लिखी है और साथ ही वसीयतनामा भी। इस मामले में अखाड़े की संपत्ति पर अधिकार का विवाद सामने आ रहा है। गौरतलब है कि महंत नरेंद्र गिरि ने आनंद गिरि (Anand Giri) को मठ से निष्कासित कर दिया था।
महंत नरेंद्र गिरि ने अपनी मौत से पहले अपने मोबाइल से एक वीडियो भी बनाया था, जो अब पुलिस के पास है। पुलिस के मुताबिक नरेंद्र गिरि ने मौत से ठीक पहले 4 मिनट का वीडियो बनाया था। पुलिस ने नरेंद्र गिरि का मोबाइल जब्त कर फोरेंसिक जांच (Forensic Investigation) के लिये भेज दिया है।
हिरासत में लिए जाने से पहले आनंद गिरि मीडिया के सामने आये और खुद को बेगुनाह बताया। आनंद गिरि का आरोप है कि मठ की जमीन और उस पर कब़्जा जमाने के लिये नरेंद्र गिरि की हत्या की गयी है। आनंद गिरि ने ये भी आरोप लगाया कि उन्हें मठ की जमीन हड़पने और उस पर कब्जा करने के झूठे मामले में फंसाया गया था।