न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): लद्दाख (Ladakh) के पूर्वी हिस्से में LAC के पास Border road organisation के काम को चीनी सैनिकों ने एक बार फिर रोक दिया। जिसकी वजह से भारतीय शेरों और ड्रैगन के बीच तनातनी का माहौल देखने को मिला। जिसकी वजह से दोनों और के सैन्य कमांडरों ने सुरक्षाबलों की संख्या एकाएक बढ़ा दी। भारतीय सेना (Indian Army) के सूत्रों के मुताबिक लद्दाख में डेमचोक, दौलत बेग ओल्डी (Daulat Baig Oldi), गलवान नदी, चुमार और पैंगोंग झील (Pangong Lake) के पास पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और भारतीय सेना के जवानों ने आक्रमक मोर्चा (Aggressive front) संभाल रखा है। भारतीय और चीन के बीच ये इलाका गैर चिन्हित सीमा है। जिसमें अक्सर दोनों ओर के जवान पेट्रोलिंग के दौरान एक दूसरे से उलझ जाते हैं। लद्दाख के पूर्वी हिस्से में भारतीय सेना सामरिक बढ़त बनाने के लिए सड़क निर्माण का काम कर रही है। जिस पर चीनी सैन्य कमांडरों (Chinese military commanders) को आपत्ति है। गलवान का मौजूदा मोर्चा पिछले छह दशकों से संवेदनशील बना हुआ है।
साल 1962 के दौरान गलवान इलाके में कब्जे को लेकर दोनों देशों के बीच युद्ध लड़ा जा चुका है। फिलहाल गलवान घाटी में चीनी सैनिकों ने बड़ी तादाद में टेंट गाड़ दिए हैं। ब्रिगेड स्तर पर भारतीय सैनिक इलाके में कड़ी नजर रखे हुए हैं। साथ ही नार्दन कमांड 14 कोर (Northern Command 14 Corps) कमांडर रक्षा मंत्रालय को हालातों से अवगत करा चुके हैं। रणनीतिक जानकार इसे चीन की अक्साई चिन (Aksai Chin) में सामरिक बढ़त (Strategic edge) बनाए रखने की कवायद से जोड़कर देख रहे हैं। भारतीय सेना का मानना है कि, जब चीनी सैनिक इस इलाके में युद्धक संवेदनशीलता के मद्देनजर नज़र सड़क निर्माण कर सकते हैं तो इंडियन आर्मी क्यों नहीं? फिलहाल मोर्चे पर दोनों ओर के सैनिकों की संख्या तो बढ़ी है, लेकिन हालात सामान्य हैं। BRO की ओर से सड़क निर्माण अगले आदेश तक के लिए रोक दिया गया है।
भारतीय सेना की क्षेत्ररक्षण के लिए अपने तयशुदा इलाके में निर्माण कार्य करवा रही है। ऐसे में चीन को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। पिछले कुछ हफ्तों के घटनाक्रमों पर नज़र डालें तो चीन की ओर से भारत के खिलाफ उकसावे की कार्रवाईयों में काफी इजाफा हुआ है। सिक्किम में दोनों ओर के सैनिकों की झड़प, लद्दाख सेक्टर में भारतीय वायु क्षेत्र का चीनी हेलीकॉप्टरों (Chinese Helicopters) द्वारा उल्लंघन, और अब एकाएक सैनिकों की तैनाती में इज़ाफ़ा ये सभी लक्षण कहीं ना कहीं होने वाली किसी बड़ी घटना की ओर इशारा करते हैं।