बिजनेस डेस्क (राजकुमार): भारतीय रिज़र्व बैंक की ओर से जारी ताजातरीन आंकड़ों के मुताबिक 17 मार्च को खत्म हुए हफ्ते में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 12.798 बिलियन अमरीकी डॉलर (US dollar) से बढ़कर 572.801 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। 10 मार्च को खत्म हुए हफ्ते के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 2.4 बिलियन अमरीकी डालर घटकर 560.003 बिलियन अमरीकी डालर हो गया था।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI- Reserve Bank of India) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार भारत की विदेशी मुद्रा संपत्ति में विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा हिस्सा है, जो कि 10.485 बिलियन अमरीकी डॉलर बढ़कर 505.348 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। इस दौरान स्वर्ण भंडार 2.187 बिलियन अमरीकी डॉलर से बढ़कर 44.109 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया।
पिछले साल 2022 की शुरुआत में कुल विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 633 बिलियन अमरीकी डॉलर था। ज्यादातर गिरावट का श्रेय आरबीआई के हालिया दखल और आयातित वस्तुओं की लागत में इज़ाफे को दिया जा सकता है। अक्टूबर 2021 में देश का विदेशी मुद्रा भंडार लगभग 645 बिलियन अमरीकी डालर के अब तक के सबसे ऊंचे स्तर को छू गया।
विदेशी मुद्रा भंडार महीनों से रुक-रुक कर गिरता जा रहा था, जिसकी बड़ी वज़ह भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से बाजार में बढ़ते अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की लगातार गिरती कीमतों को बचाने के लिये किया गया दखल था।
आमतौर पर भारतीय रिजर्व बैंक समय-समय पर बाजार में लिक्विडिटी मैनेजमेंट के जरिये दखल देता है, जिसमें रुपये में भारी गिरावट को रोकने की नज़रिये से डॉलर की बिक्री भी खासतौर से शामिल है।
भारतीय रिजर्व बैंक विदेशी मुद्रा बाजारों की बारीकी से निगरानी करता है और किसी भी पूर्व-निर्धारित लक्ष्य स्तर या बैंड के संदर्भ के बिना विनिमय दर में अत्यधिक अस्थिरता को नियंत्रित करके सिर्फ व्यवस्थित बाजार स्थितियों को बनाये रखने के लिये हस्तक्षेप करता है।