न्यूज़ डेस्क (शौर्य यादव): पूर्वी लद्दाख के मोर्चे पर चीन की ओर से मिल रही, चुनौतियां को लेकर भारतीय सेना (Indian Army) काफी जोर-शोर से तैयारियां कर रही है। चीन की शह पर नेपाल (Nepal) भी अब ऐसी हरकतें कर रहा है। जिससे उस पर भी शक गहराता जा रहा है। भारत-नेपाल सीमा (Indo-Nepal border) पर नेपाली आर्मी (Nepali Army) ने हाल-फिलहाल में ही अग्रिम पंक्ति के सामरिक पोस्ट (Frontline Strategic Posts) बनाये। जिसके चलते अब सशस्त्र सीमा बल ने चौकसी काफी बढ़ा दी है। साथ ही लोकल इंटेलीजेंस यूनिट (Local intelligence unit) लगातार सर्तक है। नेपाली सेना का ये रवैया पहले कभी नहीं देखा गया था।
नेपाल सीमा से लगने वाली भारतीय इलाकों जैसे विशुनपुरवा, बलुआ, पांडेयपुर, टिहुकी, मिर्जापुर, दशावता में नेपाली सेना के बने इन पोस्ट को साफ देखा जा सकता है। सभी पोस्ट सीमाई इलाकों में लगे सीमाकंन पिलर (Borderline pillar) से तकरीबन 100 यार्ड पीछे नेपाली सीमा में बनायी गयी है। नेपाली सेना ने नगरदेही, बसंतपुर, इनरवा, भेडि़हरवा, और देवीगंज इलाके में अतिरिक्त जवानों की तैनाती कर रही है। शंकाओं के बादल इस वज़ह से भी घिरते दिख रहे है, क्योंकि नेपाल आर्म्ड पुलिस फोर्स (Nepal Armed Police Force) पोस्ट बनाने के लिए जिन टैंट का इस्तेमाल कर रही है। वो सभी चीन द्वारा मुहैया करवाये गये है। टैंट पर मेंडरिन (Mandarin) में कुछ लिखा हुआ है।
वर्षों से इलाके में रहने वालों लोगों के लिए ये अजीब बात (Strange thing) है। आजतक भारत-नेपाल सीमा पर ऐसी अप्रत्याशित हलचल (Unexpected stir) नहीं देखी गयी थी। गांववालों के मुताबिक इस तरह नेपाली सेना की तैयारियां परेशानी का सबब बन रही है। मन में तरह-तरह की आंशकायें पैदा कर रही है।
जगजाहिर है कि, नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी और सीपीसी (Nepali Communist Party and CPC) के बीच कितनी नज़ीदीकियां है। गाहे-बगाहे चीन से लगने वाले नेपाली इलाके में चीनी नागरिकों (Chinese citizens) के घूमने के खब़रें सामने आती रही है।
दूसरी ओर गलवान घाटी और पूर्वी लद्दाख में भारतीय सेना को ऑरेंज अलर्ट जारी कर दिया गया है। भारत ने इस इलाके में आकाश एयर डिफेंस सिस्टम (Akash Air Defense System) की तैनाती की है। ये सतह से हवा में मार करने वाला उन्नत एयर डिफेंस सिस्टम है। वायुसेना के रडार (Air force radar) लगातार सीमाई इलाके में चीनी एयरबेस (Chinese airbase) पर नज़र बनाये हुए है। स्थल और वायुसेना लगातार नये और उन्नत उपकरण (New and improved equipment) इलाके में तैनात कर रही है।
भारतीय सेना ने तकरीबन सारी ताकत लद्दाख के पूर्वी मोर्चे में झोंक रखी है। ऐसे में नेपाल, अरूणाचल (Arunachal) में भी सेना की तैनाती से जुड़ी कवायदों को तेज करना होगा। जिस तरह चीन अपनी आर्म्ड फोर्सेस का मोबाइलजेशन (Mobilization of Armed Forces) कर रहा है। उसे देखते हुए कोई भी अप्रत्याशित मोर्चा (Unexpected War front) खोलना उसके लिए बड़ी बात नहीं है। भारतीय सेना की ज़्यादातर युद्धक तैयारियां (Battle preparations) शांतिकाल के दौरान पाकिस्तान को मद्देनज़र रखकर की जाती रही है। ऐसे में भारतीय सेना को चीन से लगे कम से कम चार मोर्चों पर युद्धक तैयारियां करनी चाहिए।