न्यूज डेस्क (विश्वरूप प्रियदर्शी): अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तानी दहशतगर्द तंजीमों को बेनकाब करने के लिए भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) का मंच कारगर तरीके से इस्तेमाल करने का पूरा मन बना लिया है। साथ ही ये भी साफ हो गया है कि, सुरक्षा परिषद में बतौर अस्थाई सदस्य भारत के कूटनीतिक प्रयास क्या होगें। हाल ही में संयुक्त राष्ट्र में भारत के प्रतिनिधि टी.एस. त्रिमूर्ति (India’s representative in the United Nations T.S. Trimurthy) ने अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय से आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आइएस) के तर्ज पर लश्करे-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, जमीयत-उल-मुजाहिद्दीन, और हरकत-उल-अंसार (Lashkar-e-Taiba, Jaish-e-Mohammed, Jamiat-ul-Mujahideen, and Harkat-ul-Ansar) पर संयुक्त रणनीतिक कार्रवाई करने का आग्रह किया है।
सुरक्षा परिषद में अपनी बात रखते हुए भारत के प्रतिनिधि ने सदस्यों के सामने कुछ सुझाव रखे, जिन पर अमल करके आंतकवाद पर लगाम कसी जा सकेगी। उन्होनें कहा- हाल के सालों में जिस तरह से इस्लामिक स्टेट (Islamic state) पर नकेल कसने के लिए संयुक्त कार्रवाई (joint action) को अन्ज़ाम दिया गया, उसके काफी कारगर नतीज़े निकले। अगर इस तरह की कार्रवाई लश्करे-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद, जमीयत-उल-मुजाहिद्दीन, और हरकत-उल-अंसार पर की जाये तो इंसानियत के लिए बेहतर रहेगा। इसके साथ ही जो मुल्क दहशतगर्दों को फलने-फूलने के लिए अपनी जमीन मुहैया करवा रहे है। उनकी ज़वाबदेही तय करते हुए उनके खिलाफ सख़्त कदम उठाये जाये। भारत की इस मांग को लेकर सुरक्षा परिषद में रिजॉल्यूशन पास किया जा चुका है। इस प्रस्ताव के तहत हर देश को ये सुनिश्चित करना होगा कि, उनकी ज़मीनों का इस्तेमाल कट्टरपंथी दहशतगर्द ताकतें ना कर पाये।
इस दौरान भारत की ओर से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (Financial action task force) को और भी मजबूत बनाने की सिफारिश की गयी। जिसके तहत उसके कार्यक्षेत्र को बढ़ाने के साथ और ज़्यादा कड़े प्रतिबंध लगाने की पावर FATF को मिल सके। ज़ाहिर तौर पर भारत का इशारा पाकिस्तान (Pakistan) पर नकेल कसने का था, क्योंकि पाकिस्तान अभी FATF की निगरानी सूची में शामिल है। अगर सिक्योरिटी काउंसिल की समीक्षा बैठक में उसके खिलाफ संतोषजनक माहौल ना बन सका तो उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जायेगा। फिलहाल FATF लगातार इस बात की निगरानी कर रहा है कि, पाकिस्तान ने आंतकवादी संगठनों के वित्तीय ढ़ांचों पर लगाम कसने के कितने कारगर कदम उठाये।
इसके साथ ही भारत ने अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर तकनीकी सहयोग (Technical support) बढ़ाने की पैरवी की। ताकि आंतकवादी संगठनों (Terrorist organizations) को पनपे से पहले ही खत्म किया जा सके। जिसके लिए आपसी तालमेल की समीक्षा पर जोर देने की भी बात कही गयी।