एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): भारत ने हाल ही में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC- United Nations Security Council) में यूक्रेन पर “प्रोसीजरल वोटिंग” के दौरान रूस के खिलाफ वोटिंग की। बता दे कि संयुक्त राष्ट्र के 15 सदस्यों वाली ताकतवर संस्था सुरक्षा परिषद ने वीडियो टेलीकॉन्फ्रेंस के जरिये एक बैठक को संबोधित करने के लिये यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की (Ukrainian President Volodymyr Zelensky) को आमंत्रित किया था।
फरवरी में यूक्रेन में रूसी सैन्य अभियान शुरू होने के बाद से ये पहली बार था, जब भारत ने यूक्रेन (Ukraine) के मुद्दे पर रूस (Russia) के खिलाफ मतदान किया। अब तक नई दिल्ली (New Delhi) ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन से परहेज किया है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका (United States of America) की अगुवाई वाले पश्चिमी मुल्कों की नाराजगी के लिये काफी है।
रूसी आक्रामकता के बाद पश्चिमी मुल्कों खासतौर से संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूस पर गंभीर आर्थिक और अन्य प्रतिबंध लगाये है। भारत ने यूक्रेन के खिलाफ रूस की कार्रवाइयों की निंदा नहीं की है, नई दिल्ली ने बार-बार रूसी और यूक्रेनी पक्षों से कूटनीति और बातचीत के रास्ते पर लौटने की गुजारिश की है, और दोनों देशों के बीच संकट को खत्म करने के सभी राजनयिक प्रयासों का समर्थन किया।
भारत मौजूदा हालातों में दो साल के कार्यकाल के लिये संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है, भारत की सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्यता इसी साल दिसंबर महीने में खत्म होने जा रही है।
यूक्रेन की आजादी की 31वीं बरसी पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने छह महीने पुराने संघर्ष का आकलन करने के लिये बीते बुधवार (24 अगस्त 2022) को बैठक की। जैसे ही बैठक शुरू हुई संयुक्त राष्ट्र में रूसी राजदूत वसीली ए नेबेंजिया (Russian Ambassador Vasily A. Nebenzia) ने यूक्रेनी राष्ट्रपति की वीडियो टेलीकांफ्रेंस भागीदारी पर प्रोसीजरल वोटिंग की मांग की।
उनके और अल्बानियाई प्रधान मंत्री फेरिट होक्सा (Albanian Prime Minister Ferrit Hoxha) के संबोधन के बाद परिषद ने ज़ेलेंस्की को 13 से एक के वोट से वीडियो टेलीकॉन्फ्रेंस के जरिये बैठक में शामिल होने के लिये आमंत्रित किया। रूस और चीन (China) दोनों ने इस तरह के न्यौते के खिलाफ मतदान किया।
ज़ेलेंस्की ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये संबोधित करते हुए मांग की कि यूक्रेन के खिलाफ अपने कामों के लिये रूसी संघ को जवाबदेह ठहराया जाये। उन्होनें कहा कि “अगर मास्को (Moscow) को अभी नहीं रोका गया तो ये सभी रूसी हत्यारे पुख़्ता तौर पर दूसरे मुल्कों को भी खत्म कर देगें। ये यूक्रेन के इलाके में है कि दुनिया का भविष्य तय किया जायेगा। हमारी आज़ादी आपकी सुरक्षा है”
यूक्रेन के राष्ट्रपति ने रूस से अपने “न्यूक्लियर ब्लैकमेलिंग” को रोकने और परमाणु संयंत्र से रूसी फौज को पूरी तरह से हटाने का आह्वान किया। बता दे कि यूक्रेन ने बुधवार को अपना स्वतंत्रता दिवस मनाया, कीव लगातार 24 फरवरी से ही अपने मुल्क के खिलाफ रूस के सैन्य हमले का सामना कर रहा है, इस सैन्य कवायद और तनाव को शुरू हुए 6 महीने का वक़्त बीत चुका है।