न्यूज़ डेस्क (निकुंजा राव): कोरोना वायरस को लेकर अभी तक अमेरिका (America) ही आधिकारिक तौर पर चीन को घेरता रहा है। बढ़ रहे वायरस इन्फेक्शन मामले पर पहली बार भारत की ओर से चीन को लेकर बड़ा बयान सामने आया। एक न्यूज़ चैनल (News Channel) से खास बातचीत में कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी ने कहा- जहां तक मुझे लगता है, ये वायरस कुदरती तौर पर नहीं बना। अगर ये वायरस कुदरती तौर पर बना होता तो, हमारे वैज्ञानिकों को जरूर पता होता। जाहिर तौर पर इसे लैब में विकसित किया गया है। मौजूदा हालातों में हमें इसके साथ जीने का हुनर सीखना पड़ेगा। दुनिया भर के कई नामी-गिरामी वैज्ञानिक और संस्थान इसके खिलाफ वैक्सीन बनाने में लगे हैं। उम्मीद है कि जल्द ही वैक्सीन इजाद कर ली जाएगी। जिसके साथ ही ये समस्या भी हल हो जाएगी।
संसदीय मंत्री नितिन गडकरी का ये बयान मोदी सरकार के अधिकारिक पक्ष के तौर पर देखा जा रहा है। इससे पहले किसी भी कैबिनेट मंत्री ने इतनी बेबाकी से वायरस के मुद्दे पर चीन को नहीं घेरा था। कूटनीतिक जानकार मानते हैं कि, इस बयान के साथ ही भारत का चीन के प्रति रवैया साफ हो चुका है। सीधे शब्दों में यूं कहें कि, भारत सरकार मौजूदा हालातों के लिए चीन को जिम्मेदार मान रही है। हालांकि कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी ने बातचीत के दौरान ये स्पष्ट नहीं किया कि, उनका यह बयान निजी है या आधिकारिक।
कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी के इस बयान को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रवैये से जोड़कर देखा जा रहा है। राष्ट्रपति ट्रंप कई मौकों पर वायरस के लिए चीन को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। ट्रंप सरकार का मंत्रिमंडल इसके लिए जांच किया मांग कर चुका है। अमेरिकी प्रशासन का मानना है कि, वुहान की कथित लैब में चमगादड़ पर हो रहे शोध की वजह से ही वायरस की शुरुआत हुई। हालांकि कई अमेरिकी मीडिया संस्थान मानते हैं कि, Covid-19 दुर्घटना या लापरवाही के कारण लैब से बाहर आया। कैबिनेट मंत्री नितिन गडकरी और राष्ट्रपति ट्रंप के बयानों में समानता कहीं ना कहीं चीन के लिए परेशानी का सबब़ बन सकता है।