India China Standoff: वार्ता से पहले भारत ने की ज़बरदस्त तैयारी

न्यूज़ डेस्क (शौर्य यादव): वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास मोल्डो में कोर कमांडर-स्तर की वार्ता शुरू हो चुकी है। इस दौरान भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों (Senior officers of the indian army) द्वारा फिंगर इलाके में चीनी सेना के पीछे हटने का मुद्दा भारतीय पक्ष ने काफी मजबूती से उठाया। इससे पहले भी सीमा विवाद के मसले पर चीन से भारत कई स्तरों और चरणों पर बात कर चुका है। कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता का ये चौथा दौर है। भारतीय विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय (Ministry of External Affairs and Ministry of Defense) के समन्वय से इस बैठक का आयोजन किया गया है।

फिलहाल पूर्वी लद्दाख के कई संवेदनशील मोर्चों (Sensitive fronts) पर पीएलए के सैनिक साजो-सामान के साथ अभी भी डटे हुए है। उनके पीछे हटने के लिए अभी भी तस्वीर साफ नहीं हो पायी है। ऐसे में भारतीय पक्ष का मानना है कि शांति और सहभगिता (Peace and participation) से ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों (Bilateral relations) में मजबूती आयेगी। जिसके लिए चीन को खुद से आगे बढ़कर प्रयास करना होगा। दूसरी और कॉर्प्स कमांडर स्तर की वार्ता से ठीक पहले भारत ने चीनी सीमा से सटे मोर्चे पर फोर्सेस मोबिलाइजेशन (Forces mobilization) के मसले पर लेकर ज़बरदस्त तैयार कर ली है। जिसके चलते अब पूरे साल भारतीय सेना लद्दाख इलाके में हथियार, गोला-बारूद और रसद ले जा पायेगी। रक्षा मंत्रालय के तहत सीमा सड़क संगठन (Border Roads Organisation) ने जंस्कार नदी पर पुल बनाकर लद्दाख में सड़क बनाने का काम तकरीबन पूरा कर लिया है।

मनाली-लेह-श्रीनगर को इस फायदा सर्दियों के मौसम के दौरान होगा, क्योंकि विपरीत मौसमी हालातों के चलते, इन इलाकों के कई जिले देश के मुख्य भू-भाग से कट जाते थे। जिससे सप्लाई लाइन (Supply line) में काफी बाधा होती थी। इस पुल के बनने से लेह और कारगिल के जंस्कार के बीच दूरी 160 किलोमीटर कम हो जायेगी। योजना के अन्तर्गत तीन पुलों का निर्माण पूरा होते ही मनाली और लेह (Manali and Leh) के बीच की दूरी घटकर मात्र 8 घंटे रह जायेगी।

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