Bharat Drone Mohatsav 2022: दुनिया का ड्रोन हब बनने की ओर भारत

Bharat Drone Mohatsav 2022: जैसे-जैसे देश में तकनीकी प्रगति बढ़ती है, ये उम्मीद की जाती है कि भारत जल्द ही अगले कुछ सालों में सबसे बड़ा ड्रोन हब बन जायेगा, और इस ड्रोन आंदोलन की अगुवाई कोई और नहीं बल्कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कर रहे हैं। देश का सबसे बड़ा ड्रोन फेस्टिवल दिल्ली में शुरू हुआ, जिसमें खुद प्रधानमंत्री मोदी ने आगे बढ़ती ड्रोन तकनीक का परिचय दिया। महोत्सव के उद्घाटन के दौरान उन्होंने ये भी कहा कि भारत दुनिया की सबसे बड़ी ड्रोन शक्ति बनने के लिये तैयार है।

भारत ड्रोन महोत्सव 2022 का उद्घाटन करते हुए पीएम मोदी (PM Modi) ने एक दिलचस्प किस्सा भी साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा कि देश में सुशासन और विकास की गति बढ़ाने में ड्रोन मददगार हो सकते हैं।

साल 1980 में जब भारत में कंप्यूटर की शुरुआत हुई तो इसने पूरे देश को बदल कर रख दिया। आज आप देखेंगे कि हर सरकारी और निजी कार्यालय के कामकाज के लिये कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है, और ये देश की कार्यप्रणाली का एक अभिन्न अंग बन गया है। इसी तरह ड्रोन तकनीक से भारत के लिये सब कुछ बदलने की उम्मीद है।

नई विकसित ड्रोन तकनीक से देश में मानव श्रम में काफी कमी आने की उम्मीद है और इसकी एक झलक ड्रोन फेस्टिवल (Drone Festival) में देखने को मिली। भारत ड्रोन महोत्सव में पहली ड्रोन टैक्सी (Drone Taxi) का प्रोटोटाइप पेश किया गया, जो एक बार में 200 किलो वजन के साथ उड़ान भरने में सक्षम होगी, इसकी बैटरी एक बार फुल चार्ज होने पर अधिकतम 200 किमी तक चलती है। प्रोटोटाइप पेश करने वाली कंपनी ने अनुमान लगाया कि साल 2030 तक भारत में ड्रोन टैक्सी पूरी तरह से काम कर सकती हैं।

साल 2030 तक ड्रोन तकनीक के टैक्सियों से भी आगे जाने की उम्मीद है और कृषि, माल की होम डिलीवरी, सरकारी काम की निगरानी और एम्बुलेंस ड्रोन तकनीक (Ambulance Drone Technology) के साथ बहुत मदद मिल सकती है। इसका मतलब है कि भारत साल 2030 तक दुनिया का सबसे बड़ा ड्रोन हब बन सकता है।

भारत की ड्रोन तकनीक को आगे बढ़ाने के लिये भारत सरकार कई कदम उठा रही है। फरवरी में ड्रोन के आयात को लेकर नये नियम बनाये गये, जिसके तहत अब कोई भी कंपनी दूसरे देशों से ड्रोन के लिये सिर्फ स्पेयर पार्ट्स मंगवा सकती है। हालांकि ड्रोन भारत में बनाये जायेगें।

ये फैसला इसलिए लिया गया है क्योंकि अब तक भारत में ड्रोन के आयात पर ज्यादा जोर दिया जा रहा था। साल 2014 तक जमा हुए आंकड़ों के मुताबिक ब्रिटेन ने देश भर में सबसे ज्यादा ड्रोन का आयात किया। अब दुनिया भर में आयात किये जाने वाले कुल ड्रोन का 22 प्रतिशत अकेले भारत में ही आता है।

तकनीक में और तरक्की कर इस तस्वीर को बदलने की कोशिश की जा रही है। मौजूदा हालातों में भारत में ड्रोन इंडस्ट्री (Drone Industry) 9,240 करोड़ रुपये की है, जो कि साल 2026 तक 15,400 करोड़ रुपये तक का आंकड़ा छू सकती है।

कई देश अपनी सेना को अपनी तकनीक का परिचय देते हुए ड्रोन की सेना भी इकट्ठा कर रहे हैं। चीन (China) ने अपनी पहली ड्रोन बटालियन (Drone Battalion) भी बना ली है। इसके अलावा अमेरिका और रूस (America and Russia) जैसे देश भी ड्रोन आर्मी असेंबल करने पर काम कर रहे हैं। यूक्रेन और रूस (Ukraine and Russia) के बीच जारी जंग में भी ड्रोन का इस्तेमाल किया जा रहा है। इस समय दुनिया के 30 से ज्यादा देशों के पास आर्म्ड ड्रोन हैं, जिसमें भारत (India) के अलावा पाकिस्तान (Pakistan) का नाम भी शामिल है। इसका मतलब है कि भविष्य में ड्रोन की सेना देश की सीमाओं की रक्षा करेगी।

टैक्नोलॉजी डेस्क

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