न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): लद्दाख (Ladakh) से लगी सीमा पर बने गतिरोध में भारत को एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी। चीनी सेना ने आज (9 सितम्बर 2022) खुलासा किया कि भारतीय सेना (Indian Army) पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स (Gogra-Hot Springs) में पैट्रोलिंग पॉइंट 15 से पीछे की ओर बढ़ रही है। डिसइंगेजमेंट की प्रक्रिया को बेहद कोर्डिनेशन और प्लानिंग के साथ अंज़ाम दिया जा रहा है।
बता दे कि लद्दाख गतिरोध दो साल पहले चीनी पक्ष द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा को पार करने और कड़े भारतीय प्रतिरोध का सामना करने के प्रयास के साथ शुरू हुआ था। जून 2020 में चीनी हमले को पीछे हटाने की कोशिश करते हुए 20 भारतीय सैनिकों को शहीद होना पड़ा था। हैंड टू हैंड फाइट में ये जवान ऑन ड्यूटी शहादत को हासिल हुए थे। दूसरी ओर सीमा विवाद में वरिष्ठ अधिकारियों समेत बड़ी संख्या में चीनी सैनिक भी मारे गये।
गतिरोध शुरू होने के बाद से भारत और चीन सैन्य स्तर की बातचीत कर रहे हैं। कई मौकों पर भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने कहा है कि चीन के साथ संबंध सामान्य करना गतिरोध के समाधान पर निर्भर करता है। हाल ही में दोनों पक्षों के बीच 16वें दौर की बातचीत हुई थी।
चीन ने अपने बयान में कहा कि “8 सितंबर 2022 को चीन-भारत कोर कमांडर स्तर की बैठक के 16 वें दौर में बनी आम सहमति के मुताबिक जियान डाबन (Gian Daban) इलाके में चीनी और भारतीय सैनिक तयशुदा तरीके से पीछे हटेगें। ये कवायद और फैसला सीमावर्ती इलाकों में शांति लायेगा।”
गौरतलब है कि जियान डाबन लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स इलाके में पेट्रोलिंग प्वाइंट 15 पर है।
उज्बेकिस्तान में शंघाई सहयोग संगठन (SCO- Shanghai Cooperation Organization) के वार्षिक शिखर सम्मेलन से लगभग एक हफ़्ते पहले ये ऐलान किया गया। इस सम्मेलन के दौरान संगठन के अन्य नेताओं के बीच प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Prime Minister Narendra Modi and Chinese President Xi Jinping) के हिस्सा लेने की उम्मीद है।
रक्षा मंत्रालय (Ministry of Defence) से जुड़े आधिकारिक सूत्रों ने दिल्ली में मीडिया को बताया कि पैट्रोलिंग प्वाइंट 15 (पीपी-15) से सैनिकों की वापसी बीते गुरूवार (8 सितम्बर 2022) सुबह से ही शुरू हुई और दोनों पक्षों के स्थानीय कमांडर बाद के उपायों के तौर-तरीकों पर काम कर रहे हैं।
कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता के 16वें दौर के बाद दोनों पक्षों के जमीनी कमांडरों ने डिसइंगेजमेंट प्रोसेस (Disengagement Process) की बारीकियों पर सिलसिलेवार तरीके से कई दौर की बातचीत की थी।
मामले पर रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने टेंड्री न्यूज से कहा कि भारत देपसांग और डेमचोक (Depsang and Demchok) के फिक्रशन प्वाइंट मामले से जुड़े लंबित मुद्दों के समाधान के लिये लगातार दबाव बनाये रखेगा। सैन्य और कूटनीतिक की सिलसिलेवार बातचीत से जुड़ी कवायदों के नतीज़न दोनों पक्षों ने पिछले साल पैंगोंग झील (Pangong Lake) के उत्तर और दक्षिण किनारे पर और गोगरा इलाके में पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी की थी।
पैंगोंग झील इलाके में डिसइंगेजमेंट पिछले साल फरवरी में हुआ था, जबकि गोगरा में पेट्रोलिंग प्वाइंट 17 (ए) में सैनिकों और मिलिट्री इक्विपमेंट की वापसी पिछले साल अगस्त में हुई थी।
खास बात ये रही कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर के इंडोनेशिया के बाली (Indonesia’s Bali) में अपने चीनी समकक्ष वांग यी (Wang Yi) से मिलने के 10 दिन बाद सैन्य वार्ता का 16वां दौर पूरा हुआ।