नई दिल्ली (शौर्य यादव): Border Conflict और Faceoff के हालातों को देखते हुए भारतीय सेना ने अपने इरादें जाहिर कर दिए हैंBorder Conflict। सेना किसी भी कीमत पर डिफेंसिव रुख अख्तियार करने की दशा में नहीं दिखाई दे रही। हाल ही में हैदराबाद में एयर फोर्स एकेडमी (Air force academy) की कंबाइंड ग्रेजुएशन परेड (Combined Graduation Parade) देखने पहुंचे भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया (Indian Air Force Chief Air Chief Marshal RKS Bhadauria) ने गलवान घाटी में शहीद हुए, कर्नल संतोष बाबू (Colonel Santosh Babu) को श्रद्धांजलि देते हुए कहा- देश की रक्षा के लिए उन्होंने और बिहार रेजिमेंट (Bihar Regiment) के जवानों ने अतुल्य ने बलिदान दिया है। सेना किसी भी चुनौतीपूर्ण हालात में देश की अखंडता, एकता, संप्रभुता और स्वायत्ता की रक्षा के लिए मोर्चा संभाल सकती है। मैं सभी देशवासियों को ये आश्वासन देना चाहता हूं कि, किसी भी तरह के हालातों से लड़ने के लिए हम तैयार हैं। गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी।
दूसरी और सामरिक मोर्चे (Tactical front) पर भारतीय सेना (Indian Army) के तीनों अंगों ने चीन की सशस्त्र घेराबंदी (Armed siege of china) शुरू कर दी है। जिसके लिए सुखोई एमकेआई (Sukhoi MKI), चिनूक (Chinook), जगुआर, मिग और अपाचे की तैनाती चीन से लगी सीमा के अग्रिम मोर्चे पर कर दी गई है। लेह लद्दाख के दुर्गम इलाकों में जवानों को रसद पहुंचाने के लिए भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) में शामिल चिनूक लगातार उड़ान भर रहे हैं, साथ ही चिनूक होवित्जर तोप (Howitzer cannon) और लाइट आर्टिलरी गन (Light artillery gun) को भी अग्रिम मोर्चे तक ले जाने का काम कर रहे हैं। चीन की सीमा से लगे एयर डिफेंस सिस्टम को अतिरिक्त सुविधाओं से लैस कर दिया गया है। फ्रंटलाइन अटैक हेलीकॉप्टर अपाचे (Frontline attack helicopter apache) में एयर टू ग्राउंड रॉकेट और एयर टू एयर मिसाइलें लगा दी गई है।
बंगाल की खाड़ी में भारतीय नौसेना ने अतिरिक्त सावधानी बरतते हुए युद्ध पोतों और डिस्ट्रॉयर्स (Warships and destroyers) को रवाना किया गया है। अंबाला, आदमपुर और बरेली एयरबेस (Bareilly Airbase) को हाई अलर्ट पर रखा गया है। रणनीतिक और कूटनीतिक मोर्चे पर चीन पर दबाव बनाने के लिए भारत सरकार क्वाड समूह (Quad group) के संपर्क में है। साथ ही केंद्र सरकार (central government) चीन पर चौतरफा घेराव करने के लिए उन 23 देशों से संपर्क कर सकती है, जिनका के चीन के साथ सीमा विवाद (Border dispute) है।