न्यूज डेस्क (दिगान्त बरूआ): भारतीय सेना (Indian Army) ने राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (NSCS) के साथ मध्य प्रदेश के महू में सैन्य दूरसंचार और इंजीनियरिंग कॉलेज (MCTE) में रिसर्च और ट्रेनिंग की अगुवाई करने के लिये क्वांटम लैब की स्थापना की। थल सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे (Chief of Army Staff General MM Naravane) को भी उनके हाल के महू दौरे के दौरान इस लैब से जुड़ी सारी जानकारियां मुहैया करवायी गयी।
मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग (MCTE) महू में स्थित प्रमुख सरकारी कॉलेज है, जो शैक्षणिक पाठ्यक्रमों और कार्यक्रमों से जुड़े कई कोर्स करवाता है। इसी मामले पर भारतीय सेना कहा कि- भारतीय सेना ने आवश्यक क्षेत्रों में 140 से ज़्यादा तैनाती के साथ एमसीटीई में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (Artifical Intelligence-AI) सेंटर भी बनाया है। इसके तहत अत्याधुनिक साइबर रेंज और साइबर सुरक्षा प्रयोगशालाओं के जरिये साइबर वॉरफेयर (Cyber Warfare) की ट्रैनिंग दी जायेगी।
बता दे कि अक्टूबर 2020 में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय ने इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम ऑपरेशंस (Electromagnetic Spectrum Operations) में सेना की भागीदारी पर एक सेमिनार आयोजित किया था। तब से भारतीय सेना के प्रौद्योगिकी संस्थानों को AI, क्वांटम और साइबर में इंवेस्टमेंट करने के लिये प्रोत्साहन दिया गया है।
क्वांटम प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारतीय सेना द्वारा की जा रही रिसर्च हमें अगली पीढ़ी के कम्यूनिकेशन में आगे ले जायेगी और भारतीय सशस्त्र बलों में क्रिप्टोग्राफी के मौजूदा सिस्टम को पोस्ट क्वांटम क्रिप्टोग्राफी (Post Quantum Cryptography-PQC) में तब्दील देगी। भारतीय सेना ने कहा कि, “फिलहाल इंडियन ऑर्मी का पूरा ध्यान क्वांटम की डिस्ट्रीब्यूशन, क्वांटम कम्यूनिकेशन (Quantum Communication), क्वांटम कंप्यूटिंग और पोस्ट क्वांटम क्रिप्टोग्राफी की ओर हैं”।
इसे साकार रूप देन के लिये भारतीय सेना ने अपने साथ शिक्षा जगत (जैसे आईआईटी), डीआरडीओ, रिसर्च ऑर्गनाइजेशंस, कॉर्पोरेट फर्मों, स्टार्टअप्स को भी शामिल किया है। इसके जरिये आत्मनिर्भर भारत मिशन के साथ साथ सेना सिविल-मिलिट्री रिसर्च (Civil-Military Research) और ऑप्रेशंस का बढ़ावा देने के लिये बेहतरीन मिसाल पेश कर रही है।