एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): यूनाइटेड किंगडम के नये प्रधान मंत्री बनने की दौड़ में ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने जीत हासिल की। ये ऐतिहासिक घटना है क्योंकि राजकोष के पूर्व चांसलर ब्रिटेन के पहले भारतीय मूल के प्रधान मंत्री बनेंगे। गौरतलब है कि ब्रिटेन ने सदियों तक भारत का अपना उपनिवेश बनाये रखा था।
सुनक ने अपनी कंजरवेटिव पार्टी (Conservative Party) के सहयोगी पेनी मोर्डंट (Penny Mordant) को मुकाबले में पछाड़ दिया क्योंकि उन्होंने प्रतिष्ठित 10 डाउनिंग स्ट्रीट के लिये अपना मोर्चा खोला। ब्रिटेन के पूर्व पीएम लिज़ ट्रस (Liz Truss) की आर्थिक कवायदों के विनाशकारी नतीज़ों पीएम पद के लिये सुनक पसंदीदा चेहरा बनकर उभरे थे। ब्रिटेन के पूर्व प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन (Boris Johnson) के उत्तराधिकारी की दौड़ में होने पर भी सुनक को काफी समर्थन हासिल हुआ।
इस बार सुनक ने कंजरवेटिव पार्टी के 100 सांसदों के समर्थन की दहलीज को आसानी से पार कर लिया। उन्हें दोगुनी तादाद में समर्थन मिला, जबकि पेनी मोर्डंट को न्यूनतम संख्या को पार करने के लिये संघर्ष सामना करना पड़ा। पेनी मोर्डोंट जो कि सुनक की जीत के बारे में स्पष्ट होने के बावजूद कंजरवेटिव पार्टी ने अपना आधिकारिक ऐलान करने से कुछ ही मिनट पहले पीएम बनने की दौड़ से बाहर हो गयी, इस बात का ऐलान उन्होंने खुद ट्विटर पर किया।
प्रधान मंत्री पद के लिये रेस उस वक्त शुरू हुई जब पूर्व प्रधान मंत्री लिज़ ट्रस ने कार्यालय में सिर्फ छह हफ्ते बिताकर 20 अक्टूबर को पद छोड़ दिया। पद पर रहते हुए पूर्व प्रधान मंत्री लिज़ ट्रस ने कुछ ऐसे फैसले लिये जिससे कि बाज़ार में अच्छी खासी उछल पुथल मच गयी। ब्रिटिश पाउंड (British Pound) अमेरिकी डॉलर (U.S. Dollar) के सामने काफी नीचे गिर गया।
हालांकि ये सुनक के लिये जश्न मनाने का समय है, लेकिन ब्रिटेन के सामने मौजूदा हालातों में पैदा हुई समस्याओं के आगे उनकी बतौर पीएम नयी पारी कांटों भर ताज साबित हो सकती है, जिससे कि सुनक बैकफुट पर भी जा सकते हैं क्योंकि उनके राजनीतिक विरोधियों ने यूएस ग्रीन कार्ड पर सवाल उठाया है। उनकी पत्नी अक्षता (Akshata) की टैक्स में छूट वाला प्रकरण भी उनके सामने सुरसा की तरह मुंह बाये खड़ा है।