न्यूज डेस्क (प्रियवंदा गोप): Indian Railway: हमारे देश में रोजाना भारी तादाद में मुसाफिर ट्रेन से सफर करते हैं, और उनकी सुविधा सुनिश्चित करने के लिये रेलवे ने टिकट चेकर्स (TC- Ticket Checkers) और ट्रैवलिंग टिकट परीक्षकों (TTE- Traveling Ticket Examiners) समेत कई कर्मियों को नियुक्त किया है। क्या आपको TC और TTE के काम के बीच का अंतर पता है?
चलिये आपको बताते है कि दोनों काम के बीच क्या अंतर है। टीटीई वाणिज्य विभाग (Commerce department) की ओर से नियुक्त किये जाते हैं, ये मेल ट्रेनों से लेकर एक्सप्रेस ट्रेनों तक में यात्रा के दौरान टिकटों की जांच और वेरिफिकेशन के लिये जिम्मेदार होते हैं। ये प्रीमियम ट्रेनों में टिकट की जांच भी कर सकते हैं और वैध टिकट के बिना सफर करने वाले लोगों पर जुर्माना लगा सकते हैं।
इसके उलट टीसी टीटीई की तरह काम करते हैं, लेकिन दोनों के बीच काम का अंतर ये है कि इन्हें भी वाणिज्य विभाग के तहत भी नियुक्त किया जाता है और ट्रेन टिकटों की जांच करने के लिए अधिकृत किया जाता है, लेकिन ये सिर्फ प्लेटफार्म एन्ट्री/एग्जिट गेट पर ही ये काम कर सकते है। इनके पास ट्रेन के अंदर ही टिकट वेरिफाई करने का अधिकार नहीं है।
इसके अलावा अगर किसी यात्री को एक सीट की जरूरत है और वो खाली है तो टीटीई उचित शुल्क पर उन्हें सीट अलॉट कर सकता है। हालांकि टिकट जुड़े सभी लेन-देन ट्रेन के भीतर ही होने चाहिये। रेलवे प्रणाली के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने और सभी यात्रियों के लिये उचित और न्यायपूर्ण यात्रा अनुभव बनाये रखने के लिये टीसी और टीटीई दोनों अहम हैं।