वायरस से ज्यादा खतरनाक सांप्रदायिकता का इन्फेक्शन – कैप्टन जी.एस. राठी

78787878
– कैप्टन जी.एस. राठी
सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता

इस घटना के लिए व्यवस्था पूरी तरह से जिम्मेदार है। सबसे पहला और अहम सवाल, इतने बड़े पैमाने पर होने वाले इस कार्यक्रम को मंजूरी क्यों दी गई, और वह भी ऐसे इलाके में जो हाई सिक्योरिटी जोन है। दूसरी बात इस आयोजन की जानकारी सरकार के संज्ञान में थी।संबंधित अधिकारियों को इस बात का पता 25 मार्च को ही मिल गया था। लेकिन किसी ने भी मामले की गंभीरता को नहीं समझा। बावजूद इसके धर्म विशेष और खास समुदाय के लोगों को निशाना बनाना बेहद शर्मनाक काम है।

अगर कोई हजरत निजामुद्दीन की दरगाह के बारे में अच्छे से जानता है तो, उसे पता होगा कि दरगाह पर मुसलमानों से ज्यादा हिंदू जाते हैं। आइए बात करते हैं मुल्क और इंसानियत पर आने वाली भारी दिक्कतों की। व्यवस्था अपनी खामियां गिनवाने से बच रही है। संक्रमण के इलाज में लगे डॉक्टर के पास ना तो प्रोटेक्शन मास्क है और ना ही थर्मामीटर। देश की आवाम को बरगलाने के लिए सरकारी मशीनरी मीडिया का इस्तेमाल कर रही है।

जहां प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा बड़े पैमाने पर कोरोना टेस्ट करवाने के खोखले दावे पेश किये जा रहे है। न्यूज़ रूम की डिबेटों में व्यवस्था के सरमायेदार चीख-चीख कर जनता को बता रहे हैं कि सरकार तेजी के साथ मेडिकल प्रोटेक्शन इंस्ट्रूमेंट खरीद रही है। लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। अस्पतालों में कोरोना संक्रमण से लड़ रहे हैं डॉक्टरों को अभी भी बुनियादी चीजें मयस्सर नहीं है। पूरे देश भर में झूठ का दौर चल रहा है, जहां सिर्फ इंफेक्शन टेस्ट की बात होती है। इससे ज्यादा कुछ नहीं होता। लोगों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है।

जब़रन सड़कों पर बैठाकर अमानवीय तरीके से उन पर खतरनाक केमिकल का छिड़काव किया जा रहा है। सच्चाई से मुंह मोड़ना समस्या का हल नहीं है। कम से कम इन नाजुक हालातों में मजहबी उन्माद और धार्मिक बंधनों को दरकिनार करना चाहिए। इंसानियत को बचाते हुए, निस्वार्थ भाव, दृढ़ संकल्प और ईमानदारी का नजरिया अख्तियार करते हुए इस मुसीबत से लड़ना है।

https://www.linkedin.com/posts/capt-gs-r-6b125217_nizamuddin-corona-cases-10-deaths-300-hospitalisations-activity-6650731359356706816-H54s

Leave a comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More