International Friendship Day
न्यूज़ डेस्क (स्तुति महाजन): अमजद खान और अमिताभ बच्चन (Amjad Khan and Amitabh Bachchan) की फिल्म याराना तो आप लोगों को याद ही होगी। इस फिल्म में एक गाने का लाइन है “यारां तेरी यारी को, मैंने तो खुदा माना” इन लाइनों में कितनी गहराई छिपी हुई है। फिल्म की पूरी कहानी दोस्ती पर बेस्ड् है। फिल्म अमजद खान, अमिताभ बच्चन को नामी सिंगर बनाने के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर देते है। फिल्म का गाना तेरे जैसा यार कहां, आज तक Friendship Anthem बना हुआ है। इसके बाद नंबर आता है शोले फिल्म के गाने “ये दोस्ती हम नहीं तोड़गें” का, दोनों ही गाने दोस्ती का मिसाल है। आज का दिन आपके उसी हमराह और हमराज के नाम है, जिस आप दोस्त कहते है। अरे हां उस गाने को कैसे भूल सकते है, दीये जलते है, फूल खिलते है। बड़ी मुश्किल से यहां दुनिया में दोस्त मिलते है।
साल 1935 के दौरान अमेरिका में एक व्यक्ति के मरने के बाद उसके दोस्त गम में आकर आत्महत्या कर ली थी। उसके बाद से ही अगस्त के पहले रविवार को अन्तर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस मनाने के सिलसिला निकल पड़ा। तो ऐसे में जिन दोस्तों से हाल ही में आपका मनमुटाव (estrangement) हुआ है, उनसे मिले और बिना किसी शर्मिंदगी और हिचक के दोस्ती को पहले की तरह कायम करे। समय निकाल कर उन दोस्तों से मिले जिनसे कई सालों से आपकी बात नहीं हुई है। अक्सर गलतफहमी, शर्मिंदगी, नसमझी और अहं (Misunderstandings, embarrassment, confusion and ego) के कारण लोग अपने अच्छे दोस्त खो देते है। इससे बचना चाहिए।
ब्रिटेन में दोस्ती को लेकर हाल ही हुई रिसर्च के कुछ चौंकाने वाले नतीज़े निकले है। प्रोसीडिंग्स ऑफ रॉयल सोसायटी जर्नल (Proceedings of Royal Society Journal) में प्रकाशित इस रिसर्च के मुताबिक- अगर अवसाद से जूझ रहे लोग अपना फ्रेंड सर्किल (Friend circle) बढ़ाते है तो उनकी ठीक होने की संभावना दुगुनी हो जाती है। फ्रेंड सर्किल में 50 फीसदी दोस्त ही किसी शख़्स के विश्वसनीय होते है। शोध में शामिल 57 फीसदी लोगों ने माना है कि, कामकाज़ के दौरान वर्क प्लेस पर बने दोस्त की वज़ह से प्रोडक्टिविटी (Productivity) में इज़ाफा होता है। जैसे-जैसे कोई व्यक्ति उम्रदराज होता है, उसे परिवार से ज़्यादा सहयोग दोस्तों से मिलता है।
अमेरिकी शोध-पत्र एनल्स ऑफ बिहेवियरल मेडिकल (American research paper Annals of Behavioral Medical) में छपी रिसर्च बताती है कि, वाइब्रेंट फ्रेंड सर्किल आपकी उम्र बढ़ाने के साथ खुशहाल भी रखता है। ब्रिटिश एंथ्रोपोलॉजिस्ट और रिसर्चर रॉबिन डनबार (British anthropologist and researcher Robin Dunbar) के मुताबिक एक शख़्स तकरीबन 150 दोस्त बना सकता है, जिनमें से वो सिर्फ 5 के ही करीब रह पाता है। दोस्ती में आये तनाव की वज़ह से लोगों को हाई बीपी, शुगर और हार्ट डिज़ीज की समस्यायें भी झेलनी पड़ सकती है। और आखिर में अहम और बड़ी बात आप जैसे ही आपको दोस्त भी वैसे ही मिलेगा। कहीं ना कहीं आपके दोस्त आपकी शख़्सियत के आईने है। आमतौर लोग आपका फ्रेंड सर्किल देखकर आपकी पर्सनैलिटी आंकते है।