नई दिल्ली (शौर्य यादव): क्रिकेट की हैसियत भारत में मज़हब की तरह है। आईपीएल के 20-20 मुकाबले क्रिकेट प्रेमियों में जोश और जुनून की रवानगी फूंक देते है। IPL 2020 का पहला मैच CSK और MI के बीच देर शात 07:30 बजे खेल जायेगा। इससे पहले महेन्द्र सिंह धोनी के लिए मुसीबत खड़ी होने के आसार बनते दिख रहे है। गौरतलब है कि लद्दाख में भारत और चीन का तनाव इस वक्त अपने चरम पर है। देशभर में चीनी अर्थव्यवस्था (Chinese economy) की कमर तोड़ने के लिए चीनी सामानों के बहिष्कार करने की स्थिति बनी हुई है। इस नाज़ुक माहौल के बीच महेंद्र सिंह धोनी चीनी मोबाइल कंपनी ओप्पो (Chinese Mobile Company oppo) मोबाइल द्वारा चलायी जा रही मुहिम #BeTheInfinite से जुड़े हुए है। जो उनके विरोध करने के आसार पैदा करता दिख रहा है।
गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद देशभर में चीनी सामानों और कारोबार के खिलाफ माहौल तैयार हुआ था। इस दौरान कई चीनी मोबाइल कंपनियों ने अपने भारतीय फ्रैंचाइजी (Indian franchisee) से कहकर अपने पोस्टर, बैनर और दूसरे फील्ड पब्लिसिटी से जुड़ी चीज़ों को हटवाया या ढ़कवाया था। अब मौजूदा हालात में लोग महेंद्र सिंह धोनी से भी लोग चीनी ब्रांड्स का बहिष्कार (Boycott of Chinese brands) करने की अपील कर सकते है। जिससे धोनी पर oppo से अलग होने के दबाव बन सकता है। हाल ही में भारतीय लोगों का चीन के खिलाफ मिज़ाज भांपते हुए आईपीएल की प्रमुख स्पॉन्सर वीवो (Vivo, the main sponsor of the IPL) ने खुद से फैसला लेते हुए IPL Season-13 से अपने हाथ पीछे खींच लिये थे। कंपनी स्पॉन्सरशिप देकर किसी भी तरह का वित्तीय जोखिम उठाने के पक्ष में नहीं थी।
शानदार करियर के दौरान महेन्द्र सिंह धोनी का कैप्टन कूल कहा जाता रहा है। उनका नाम किसी भी विवादों में नहीं रहा। इसके साथ ही धोनी टेरिटोरियल ऑर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल (Dhoni, Lieutenant Colonel in the Territorial Army) है पिछले साल ही उन्होनें सेना के ज़वानों के साथ सीमा पर पेट्रोलिंग भी की थी। अगर सोशल मीडिया पर इस बात को लगातार तव्ज़्जों दी जाती रही तो अपनी साफ छवि को कायम करने के लिए धोनी पर oppo से किया करार छोड़ने का दबाव बढ़ सकता है।
हाल ही में कुछ इसी तर्ज पर सचिन तेंदुलकर को भी विरोध का सामना करना पड़ा था। उन्होनें पेटीएम द्वारा चलायी जा रही मुहिम फर्स्ट गेम्स (First games Campaign run by Paytm) का ब्रांड एम्बेसडर बनने की पेशकश की कबूल किया था। कई दबाव समूहों और व्यापारिक संगठनों ने ये कहा कि पेटीएम चीनी निवेश द्वारा संचालित होता है। ऐसे में देश के मौजूदा हालातों को देखते हुए सचिन को पेटीएम के अभियान फर्स्ट गेम्स से नहीं जुड़ना चाहिए। बहरहाल अभी इस मामले पर महेन्द्र सिंह धोनी और उनकी पीआर टीम की ओर से कोई औपचारिक बयान सामने नहीं आया है। कयास लगाये जा रहे है कि महेन्द्र सिंह धोनी चुपचाप करार से अपने हाथ पीछे खींच लेगें।
Featured Image Courtesy: oppo India