न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): देश के सबसे वरिष्ठ आईपीएस (IPS) अधिकारियों में से एक हेमंत के. लोहिया (Hemant K. Lohia) बीते सोमवार (3 अक्टूबर 2022) रात अपने सरकारी आवास में मृत पाये गये। पुलिस ने कहा कि उनके घर के बाहर तैनात गार्डों ने एक कमरे से धुंआ निकलते देखा जिसके बाद उन्होंने दरवाजा तोड़ा तो उसमें आग लगी हुई मिली। बाद में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। पुलिस ने कहा कि टूटी हुई केचप की बोतल से उनकी गर्दन काटने से पहले उनका गला घोंट दिया गया बाद में उनके कमरे को भी आग के हवाले कर दिया गया। कमरे का दरवाजा अंदर से बंद था।
आखिर कौन थे आईपीएस हेमंत के. लोहिया?
57 वर्षीय हेमंत के. लोहिया 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। वो जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) के जेल महानिदेशक थे। एचके लोहिया को अगस्त में केंद्र शासित प्रदेश में जेलों के महानिदेशक के रूप में पदोन्नत और नियुक्त किया गया था। उनका तीन दशक लंबा शानदार करियर रहा। उन्होंने एक बार श्रीनगर के लाल चौक पर आत्मघाती हमले को रोक दिया था। जेल के महानिदेशक के तौर पर नियुक्त होने से पहले उन्होंने कई आतंकवाद विरोधी अभियानों (Anti-Terrorist Operations) में हिस्सा लिया।
लोहिया का जन्म 17 जनवरी 1965 को हुआ था। उनके पिता का नाम श्याम सुंदर लोहिया (Shyam Sundar Lohia) था। उन्होंने भारतीय पुलिस सेवा (Indian Police Service) में शामिल होने से पहले कानून का अध्ययन किया। वो एसडीआरएफ (SDRF) के कमांडेंट भी रह चुके हैं। पुलिस को शक है कि हत्या में उनका घरेलू सहायक जसीर (Domestic Helper Jasir) शामिल है क्योंकि वो वारदात के बाद से ही फरार है। पुलिस ने शुरूआती जांच के बाद कहा कि लोहिया पर हमला होने से पहले वो अपने सूजे हुए पैर पर किसी तरह का तेल लगा रहे थे।
हत्यारे ने लोहिया की गला दबाकर हत्या कर दी और फिर टूटी बोतल से उनका गला काट दिया और फिर लाश को आग लगा दी। जम्मू कश्मीर पुलिस रामबन (Ramban) निवासी युवक की तलाश कर रही है। पुलिस ने कहा जांच प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। कई वरिष्ठ अधिकारी मौके पर हैं।
हालांकि ये साफ नहीं है कि उनकी हत्या क्यों की गयी, मामले में पुलिस ने आतंकी एंगल होने से इंकार नहीं किया है। टीआरएफ आतंकी गुट (TRF Terrorist Group) ने कथित तौर पर सोशल मीडिया पर इस हत्या की जिम्मेदारी ली है। पुलिस ने अभी तक आंतकी संगठन का हाथ होने की पुष्टि नहीं की है।
बता दे कि पिछले कुछ महीनों से आतंकवादी घाटी में नागरिकों पर हमले कर रहे हैं। इस साल आतंकी हमलों में सरकारी टीचर और कारोबारी समेत कई आम नागरिक मारे गये। अभी तक पुलिस ने जसीर के किसी आतंकी गुट से संबंध के बारे में बात नहीं की है।