एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शौर्य यादव): बीते बुधवार को (6 जुलाई 2022) ईरान ने ईरान (Iran) में यूनाइटेड किंगडम के मिशन के उप प्रमुख जाइल्स व्हिटेकर (Giles Whitaker) और कई दूसरे लोगों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC- Islamic Revolutionary Guards Corps) ने मिसाइल अभ्यास के दौरान प्रतिबंधित इलाके से जासूसी करने और मिट्टी के नमूने लेने का इल्ज़ाम लगाते हुए इन राजनयिकों को हिरासत में लिया।
IRGC ने वीडियो फुटेज जारी करते हुए दावा किया कि व्हिटेकर को उस जगह के पास दिखाया गया है, जहां ईरानी सेना (Iranian Army) मिसाइल अभ्यास कर रही थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि उप राजदूत ने माफी मांग ली है और उन्हें ईरान बाहर निकाल दिया गया है। IRGC द्वारा हिरासत में लिये गये संदिग्धों में से एक ने विश्वविद्यालय के साथ वैज्ञानिकों के आदान-प्रदान के कार्यक्रम के तहत ईरान में घुसे थे।
आईआरजीसी ने ये भी दावा किया कि संदिग्ध ने कुछ इलाकों में मिट्टी का नमूना भी लिया था। इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कॉर्प्स ने आगे दावा किया कि पश्चिमी मुल्कों की जंगी ताकतें राजनयिकों का इस्तेमाल सैन्य स्थलों की तलाश करने, उपकरण और युद्ध सामग्री की पहचान करने के लिये अक्सर करती आयी है। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि राजनयिकों का इस्तेमाल “अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA- International Atomic Energy Agency) में ईरान की फाइल के सैन्य पहलुओं” से जुड़ा नया मामला बनाने के लिये किया जा रहा था।
बता दे कि ये हाई प्रोफाइल गिरफ्तारी तब हुई है जब ईरान और विश्व शक्तियों के बीच जेसीपीओए परमाणु समझौते (JCPOA Nuclear Deal) पर लौटने का प्रयास रूका हुआ है। ईरान ने जुलाई 2015 में विश्व शक्तियों के साथ जेसीपीओए पर हस्ताक्षर किये, देश पर प्रतिबंधों को हटाने के बदले में अपने परमाणु कार्यक्रम पर अंकुश लगाने के लिये तेहरान (Tehran) सहमत हुआ था।
हालांकि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (Former US President Donald Trump) ने मई 2018 में वाशिंगटन (Washington) को इस समझौते से बाहर कर दिया और ईरान पर एकतरफा प्रतिबंध लगा दिये, जिससे ईरान ने समझौते के तहत अपने कुछ वादों को छोड़ दिया। ईरानी परमाणु वार्ता अप्रैल 2021 में वियना में शुरू हुई थी लेकिन इस साल मार्च में तेहरान और वाशिंगटन के बीच राजनीतिक मतभेदों के कारण ये स्थगित कर दी गयी।
अमेरिका ने शिकायत की है कि ईरान ने जेसीपीओए सौदे से जुड़ी कुछ गैरजरूरी मांगे पटल पर रखने वाला है, जबकि ईरानी अधिकारियों ने शिकायत की है कि अमेरिका समझौते पर लौटने से पहले प्रतिबंध हटाने को तैयार नहीं है। मामले पर ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (एसएनएससी) के सचिव अली शामखानी (Ali Shamkhani) ने बीते बुधवार (6 जुलाई 2022) को कहा कि- ईरान के खिलाफ “दमनकारी” अमेरिकी प्रतिबंधों को इस तरह से हटाया जाना चाहिए कि सभी देश अपने दीर्घकालिक हितों को बनाये रखते हुए ईरान में आसानी से निवेश कर सकें।
एसएनएससी से जुड़े ईरान के नूर न्यूज ने बताया कि शामखानी ने कतर के विदेश मंत्री शेख मोहम्मद बिन अब्दुलरहमान अल थानी (Qatar’s Foreign Minister Sheikh Mohammed bin Abdulrahman Al Thani) के साथ बैठक में ये बात कही। बता दे कि ये पहली बार नहीं है जब ब्रिटेन के किसी राजनयिक को ईरान में हिरासत में लिया गया है। जनवरी 2020 में ईरान में ब्रिटेन के तत्कालीन राजदूत रॉब मैकेयर (Rob McKear) को उन 176 लोगों की निगरानी में गिरफ्तार किया गया था।