नई दिल्ली (देवागंना प्रजापति): IRCTC Scam Case: दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट (Rouse Avenue Court) की ओर से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद के संरक्षक लालू यादव और उनकी पत्नी राबड़ी देवी को आईआरसीटीसी घोटाले/भारतीय रेलवे (Indian Railways) में नौकरियों के लिये भूमि घोटाले मामले में तलब किये जाने के बाद में कुछ नये घटनाक्रम सामने आये हैं।
दिल्ली कोर्ट ने लालू यादव (Lalu Yadav) और उनकी पत्नी राबड़ी देवी (Rabri Devi) के अलावा लालू यादव की बेटी मीसा भारती (Misa Bharti) समेत 14 अन्य लोगों को 15 मार्च के लिये समन भेजा है। इससे पहले लालू के बेटे और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Bihar Deputy Chief Minister Tejashwi Yadav) भी इस मामले में नामजद थे।
लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार के सदस्यों को दिल्ली की अदालत ने आईआरसीटीसी में नौकरी देने की एवज़ में जमीन हासिल करने के मामले में तलब किया था। मामले में जब सीबीआई (CBI) ने उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की थी, जिसमें मामले में कई आरोपी नामजद थे। उनके बेटे तेजस्वी यादव भी नौकरी के लिये जमीन घोटाले के मामले में करीबी तौर पर से जुड़े हुए थे।
आईआरसीटीसी घोटाला मामले में दायर सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, लालू यादव जब रेल मंत्री थे तब कथित तौर पर जमीन के बदले नौकरी दिलाने में शामिल थे। लालू और उनके परिवार के खिलाफ मामला केंद्र ने 2021 में बंद कर दिया था, लेकिन दिसंबर 2022 में इसे एक बार फिर खोला गया।
इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) में नौकरी दिलाने के बदले जमीन यादव परिवार के नाम लिखने का सिलसिला पर्दे के पीछे चल रहा था। आरोप लगाया गया था कि लालू यादव के रेलमंत्री रहते बिहार में यादव परिवार को उपहार में या फिर उनके नाम जमीन लिखने वालों को भारतीय रेलवे में नौकरी की नियुक्तियां दी गयी थीं।
साल 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे लालू प्रसाद यादव के कार्यकाल के दौरान ये खेल जमकर खेला गया। मामले का खुलासा सामने आने के बाद सीबीआई ने भोला यादव (Bhola Yadav) को गिरफ्तार किया, जो कि लालू प्रसाद के विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) हुआ करते थे। जब वो रेल मंत्री थे।
यादव परिवार के खिलाफ दर्ज एफआईआर में आरोप लगाया गया था कि मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर (Jaipur and Hajipur) के कई लोगों को भारतीय रेलवे में ग्रुप डी की नौकरी दी गयी थी। नौकरी के बदले लोगों ने कथित तौर पर लालू यादव के परिवार को जमीन के टुकड़े बेचे या उपहार में दिये थे।
दर्ज की गयी फआईआर (FIR) में आगे आरोप लगाया गया कि पटना (Patna) में 1,05,292 वर्ग फुट जमीन लालू प्रसाद यादव के परिवार के लोगों को उपहार में या सस्ते दामों पर बेची गयी। जिसके एवज़ में लोगों को रेलवे में नौकरी मिली। इस दौरान हुए सभी लेन-देन कैश में किये गये।