एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): तुर्की सीमा से लगे सीरियाई शहर में आवासीय इमारत की तीसरी मंजिल पर इस्लामिक (ISIS) नेता को पकड़ने की उम्मीद में अमेरिकी सेना ने हेलीकॉप्टर की मदद से छापेमारी की, जहां इस्लामिक स्टेट का मुखिया अबू इब्राहिम अल-हाशमी अल-कुरैशी अपने परिवार के साथ छिपा हुआ था। लेकिन इससे पहले कि अमेरिकी कमांडों उस तक पहुँच पाते, अबू इब्राहिम अल-हाशमी अल-कुरैशी ने आत्मघाती बम विस्फोट कर दिया, जिससे एक बड़ा धमाका हुआ, जिसमें अपने अपने परिवार समेत खुद उड़ा दिया।
व्हाइट हाउस के सिचुएशन रूम (Situation Room of the White House) से छापेमारी की निगरानी करने वाले राष्ट्रपति जो बाइडेन (President Joe Biden) ने कुरैशी की आत्महत्या को “हताश कायरता का खात्मा” बताया। ठीक इसी तर्ज पर पूर्ववर्ती इस्लामिक स्टेट के संस्थापक अबू बक्र अल-बगदादी (Islamic State founder Abu Bakr al-Baghdadi) ने साल 2019 में सीरिया में अमेरिकी छापेमारी के दौरान खुद को धमाका कर उड़ा लिया था। अमेरिकी कमांड़ो (American Commandos) को कार्रवाई लादने को मारने के लिये चलाये गये ऑप्रेशन जेरोनेमो (Operation Geronemo) के तर्ज पर थी। इस आधार पर एनकाउंटर, रेकी और ज़वाबी कार्रवाइयों का ताना-बाना बुना गया था।
अतमेह शहर के बाशिंदों के लिये भयानक सपने से कम नहीं था, क्योंकि अमेरिकी सेना हेलीकॉप्टर सवार ज़वानों ने सिंडर-ब्लॉक की इमारत से नागरिकों को निकालने की कोशिश करने से पहले लाउडस्पीकरों का इस्तेमाल करके उन्हें इलाका खाली करने के लिये कहा। अमेरिकी चेतावनी ने कहा गया कि
“अगर पुरुष, महिलाएं और बच्चे अपने हाथ उठाते हैं और खुद अमेरिकी सैनिकों के सामने आत्मसर्मपण कर देते है तो उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया जायेगा। अगर वो ऐसा नहीं करते है तो उन्हें मौत का सामना करना पड़ेगा।”
मरीन जनरल फ्रैंक मैकेंजी (Marine General Frank McKenzie) जो इस इलाके में अमेरिकी सेना की देखरेख करते हैं और वो लगातार राष्ट्रपति जो बिडेन को ऑप्रेशन से जुड़े अपडेट मुहैया करवा रहे थे। उनके मुताबिक अमेरिकी सैनिकों ने पहले चार बच्चों समेत छह नागरिकों को इमारत की पहली मंजिल से बाहर निकाला। जिसके बाद हुए बड़े धमाके में इमारत की ऊपरी मंजिला पर तरह ध्वस्त हो गयी।
मैकेंजी के मुताबिक, “आत्मघाती हमलावर बनियान में था, जो कि दोहरे बदन का था। उसने तीसरी मंजिल पर सभी को मार डाला और इमारत से कई लोगों को बाहर निकाल दिया। आत्मघाती धमाके में कुरैशी उनकी पत्नी समेत दो बच्चों की मौत हो गयी। एक दूसरे अमेरिकी अधिकारी ने बाद में कहा कि ऑप्रेशन में कुरैशी की दो पत्नियों और एक बच्चे की मौत हो गयी।
जैसे ही अमेरिकी सैनिक दूसरी मंजिल की ओर बढ़े तो कुरैशी के एक लेफ्टिनेंट और उसकी पत्नी ने अमेरिकियों पर गोलीबारी शुरू कर दी और वो मौते पर तुरन्त ढ़ेर कर दिये गये। वहां एक बच्चा भी मरा पाया गया और तीन अन्य बच्चों और एक शिशु को दूसरी मंजिल से महफूज़ बाहर निकाल लिया गया।
सीरियाई बचावकर्मियों ने कहा कि इस कार्रवाई में कम से कम 13 लोग मारे गये, जिनमें ज़्यादातर महिलायें और बच्चे थे। पेंटागन ने कहा कि एक स्थानीय अल कायदा सहयोगी के कम से कम दो सशस्त्र सदस्य अमेरिकी हेलीकॉप्टर की गोलियों से मारे गये, जब वो छापे वाली जगह का पास मौजूद थे, जबकि अमेरिकी सैनिक लगातार साइट पर मोर्चा संभाले हुए थे।।
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि कुरैशी की मौत एक ऐसे गुट के लिए एक और बड़ा झटका है, जो कभी सीरिया और इराक में खिलाफत पर राज किया करता था। अब वहीं गुट उग्रवादी हमले कर रहा है। ऑपरेशन की योजना दिसंबर की शुरुआत में शुरू हुई, जब अधिकारियों को यकीन हो गया कि इस्लामिक स्टेट का नेता संदिग्ध इमारत में रह रहा है। व्हाइट हाउस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बिडेन को 20 दिसंबर को कुरैशी को जिंदा पकड़ने के विकल्पों के बारे में विस्तृत जानकारी मिली थी।
ऑपरेशन में ये बात काफी मुश्किल रही कि कुरैशी ने इमारत की तीसरी मंजिल पर बने अपने घर को शायद ही कभी छोड़ा और बाहरी दुनिया से बातचीत करने के लिये वो कोरियर पर भरोसा किया करता था। इलाके में बच्चों की तादाद और पहली मंजिल पर रहने वाले परिवारों की वज़ह से अमेरिकी अधिकारियों ने नागरिकों की सुरक्षा के मकसद से एक मिशन तैयार करने की कोशिश की। आखिर में दूर से हमला किये जाने के बजाय, अमेरिकी सेना ने छापामार जोखिम भरा कदम उठाने की जरूरत समझी।
बता दे कि अमेरिकी सुरक्षा बल सैन्य कार्रवाईयों के लिये फूंक फूंककर कदम रख रहे है। अफगानिस्तान से नागरिकों को निकालने के दौरान काबुल में हाई-प्रोफाइल गलत ड्रोन हमले (Drone Strike) के बाद नागरिक मौतों से बचाव के लिये अमेरिकी सैन्य प्रक्रियाओं की जांच की जा रही है, जिसे पेंटागन ने शुरू में कामयाबी के तौर पर देखा था।
पेंटागन ने कहा कि ये सुनिश्चित करने के लिये कहा कि अमेरिकी सेना द्वारा किसी भी नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचाया गया है, ये सुनिश्चित करने के लिए अटमेह छापे से सभी सूचनाओं की गहन समीक्षा की गयी। इस ऑप्रेशन के बाद ये बात सामने आ रही है कि जिन नागरिकों की मौत हुई उनके पीछे इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों की प्रतिक्रिया बड़ा कारण रही।
अमेरिकी अधिकारियों ने कहा कि बाइडेन ने बीते मंगलवार (1 जनवरी 2022) को रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन (Defence Secretary Lloyd Austin) और जनरल मार्क मिले (General Mark Milley) के साथ ओवल ऑफिस की बैठक के दौरान इस मिशन के लिये अंतिम मंजूरी दी, राष्ट्रपति ही संयुक्त चीफ ऑफ स्टाफ के अध्यक्ष हैं। बिडेन, उप-राष्ट्रपति कमला हैरिस (Vice President Kamala Harris) और अन्य प्रशासन के अधिकारियों को ऑस्टिन, मिले और मैकेंजी से रियल-टाइम अपडेट हासिल हुए, क्योंकि उन्होंने सिचुएशन रूम से कई स्क्रीन पर इस ऑपरेशन को देखा।
व्हाइट हाउस के अधिकारी ने कहा कि बिडेन फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन (French President Emmanuel Macron) के साथ कॉल पर बातचीत करने के बाद बुधवार शाम 5 बजे ईटी में सिचुएशन रूम में पहुँचे। ऑप्रेशन के दौरान अमेरिकी सेना के हेलीकॉप्टर में गड़बड़ी आ गयी, जिसके बाद ऑपरेटिव मरीन्स (Operative Marines) ने उसे मौके पर ही जलाकर तबाह कर दिया।
जिसके बाद राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि- गॉड ब्लैस ऑवर ट्रूप, जब ट्रूप्स ने ऑप्रेशन को अंज़ाम देने के बाद वापस उड़ान भरी तो लगातार उनकी सुरक्षित उड़ान पर निगरानी बनाये रखी गयी। साल 2015 के दौरान भी बाइडेन एयरस्ट्राइक के गवाह बने थे, जब वो उप-राष्ट्रपति हुआ करते थे। उस दौरान एक अन्य आईएसआईएस नेता मारा गया था, और कुरैशी को हमला में अपनी टांग गंवानी पड़ी थी।
अधिकारी ने कहा कि मिले ने बिडेन को बताया कि अमेरिकी सेना ने “विजुअल आईडी जैकपॉट” का इशारा किया,जब उन्होंने कुरैशी की लाश को देखा और उड़ान के दौरान अमेरिकी सैनिकों फिंगरप्रिंट से लिये गये बायोमेट्रिक डेटा (Biometric Data) का इस्तेमाल करके उसकी पहचान की शिनाख्त की। डीएनए टेस्टिंग (DNA testing) पूरा होने तक वो उसकी मौत के ऐलान का इंतजार कर रहे थे। अमेरिकी ने अधिकारी ने दावा किया, “अभियान के शुरुआती दिनों से ही वो हमारी टारगेट लिस्ट में था। वो बगदादी का दाहिना हाथ था, और … आईएसआईएस के कुछ सबसे शातिर बड़ी वारदातों के लिये निजी तौर पर जिम्मेदार था।”