एजेंसियां/न्यूज डेस्क (यामिनी गजपति): इज़राइली पुलिस (Israeli Police) ने आज (5 अप्रैल 2023) को कहा कि वो आंदोलनकारियों को हटाने के लिये जेरूसलम में अल-अक्सा मस्जिद (Al-Aqsa Mosque) में घुस गये। पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि आंदोलनकारियों ने आतिशबाजी, लाठियों और पत्थरों से खुद को मस्जिद के अंदर बंद कर लिया, जिसके बाद उन्हें मस्जिद परिसर में घुसने के लिए मजबूर होना पड़ा। बयान में आगे कहा गया कि, “जब पुलिस मस्जिद में पहुँची तो उन पर पत्थर फेंके गये और आंदोलनकारियों के एक गुट समूह ने मस्जिद के अंदर से पटाखे दागे। जिससे कि एक पुलिस अधिकारी के पैर में चोट आयी।”
फ़िलिस्तीनी रेड क्रीसेंट (Palestinian Red Crescent) ने इन झड़पों के बाद कई लोगों के घायल होने की जानकारी दी लेकिन ये नहीं बताया कि कितने लोग इस वारदात में घायल हुए।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स से बात करते हुए एक बुजुर्ग महिला ने मस्जिद के बाहर सांस लेने दिक्कत की बात कहते हुए बताया कि वो एक कुर्सी पर कुरान पढ़ रही थी, जब उस पर स्टन ग्रेनेड फेंका गया और इस बीच एक ग्रेनेड ठीक उसकी छाती पर आ गिरा। फिलिस्तीनी गुटों ने नमाज़ियों पर इजरायल के हमलों की निंदा की, इसे संगीन अपराध बताया।
मामले पर फ़िलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास (Palestinian President Mahmoud Abbas) के प्रवक्ता नबील अबू रुदिनेह ने कहा कि, “हम पवित्र मस्जिद पर लाल रेखाओं को पार करने के खिलाफ कब्जे की चेतावनी देते हैं, अगर ऐसा होता है तो बड़ा धमाके के साथ ज़वाबी कार्रवाई की जायेगी।”
बता दे कि हाल के सालों में अल-अक्सा मस्जिद परिसर में फैले तनाव ने हिंसा को काफी भड़का दिया है। इस पवित्र स्थल का यहूदियों, मुसलमानों और ईसाइयों के लिये बड़ा धार्मिक महत्व है।
1 अप्रैल को अल-अक्सा मस्जिद परिसर के पास इज़राइली पुलिस की ओर से हिरासत में लिये गये एक शख्स ने मस्जिद में हाल ही में हुई झड़पों के बाद एक अधिकारी की बंदूक छीन ली, जिसके बाद उसे गोली मार दी गयी। मारे गये शख्स की शिनाख्त मोहम्मद अल-ओसैबी (Mohammed al-Osaibi) के तौर पर हुई। एक दिन बाद अल-ओसैबी के अंतिम संस्कार के लिये दक्षिणी इज़राइल के हुरा के बेडौइन शहर (Bedouin City) में बड़ी शोक सभा हुई।