न्यूज डेस्क (निकुंजा वत्स): चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) मिशन से ठीक एक दिन पहले इसरो के वैज्ञानिकों की एक टीम ने आज (13 जुलाई 2023) चंद्रयान-3 के छोटे मॉडल के साथ आंध्र प्रदेश (Andhra Pradesh) के तिरुपति वेंकटचलपति मंदिर (Tirupati Venkatachalapathi Temple) का दौरा किया और पूजा-अर्चना की। इसरो के वैज्ञानिक सचिव शांतनु बटवूडेकर की अगुवाई वाली इसरो (ISRO) वैज्ञानिकों की टीम मंदिर में पूजा याचना करते हुए मिशन की कामयाबी के लिये आशीर्वाद मांगा।
तिरुपति मंदिर में पूजा करने के बाद एक वैज्ञानिक मीडिया से कहा कि “ये चंद्रयान-3 है, चंद्रमा पर हमारा मिशन। मिशन की लॉन्चिंग कल निर्धारित है।”
बता दे कि राष्ट्रीय वायुमंडलीय अनुसंधान प्रयोगशाला (एनएआरएल) के निदेशक अमित कुमार पात्रा, चंद्रयान-3 के परियोजना निदेशक वीरमुथु वेल (Project Director Veeramuthu Vel), चंद्रयान-3 की एसोसिएट परियोजना निदेशक कल्पना कालहस्ती और इसरो के अन्य वरिष्ठ वैज्ञानिक भी मंदिर में दिव्य आशीर्वाद लेने वाली टीम में शामिल थे। इन सभी की कल होने वाली चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग में अहम भूमिका है।
इसरो ने पहले घोषणा कि गयी थी कि चंद्रयान-3 को 14 जुलाई को भारतीय समयानुसार दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा (Sriharikota) के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (Satish Dhawan Space Center) से लॉन्च किया जायेगा। चंद्रयान-3 भारत का तीसरा चंद्र रिसर्च मिशन है। ये मिशन भारत को चंद्रमा की सतह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बना देगा और चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेगा।
लॉन्चिंग की उलटी गिनती श्रीहरिकोटा से शुक्रवार को उड़ान भरने से पहले गुरुवार को बाद में शुरू होगी। बता दे कि मिशन की शुरूआती समीक्षा पूरी हो गयी है। बोर्ड ने लॉन्च को अथॉराइज्ड कर दिया है। जिसके अब जल्द ही काउंट डाउन शुरू कर दिया जायेगा। रोवर, लैंडर और बाकी के पेलोड को जीएसएलवी मार्क 3 (एलवीएम 3) हेवी-लिफ्ट लॉन्च वाहन पर लॉन्च किया जायेगा।
चंद्रयान-2 मिशन को साल 2019 में सॉफ्ट लैंडिंग के दौरान चुनौतियों का सामना करने के बाद ये भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का इस मोर्चे पर एक ओर प्रयास होगा। लॉन्चिंग के तैयारियों को जांचने के लिये ‘लॉन्च रिहर्सल’ इसरो की ओर से पूरा कर लिया गया है। चंद्रयान-3 मिशन चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग का प्रदर्शन करेगा, चंद्रमा पर रोवर घूमेगा और इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोग करेगा।
इसरो ने नागरिकों को श्रीहरिकोटा की दर्शक दीर्घा से बहुप्रतीक्षित चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण को देखने के लिये आमंत्रित किया है। गौरतलब है कि चंद्रयान-2 मिशन के दौरान जब लैंडर चंद्रमा की सतह से महज एक पायदान की दूरी पर था, तब इसरो का संपर्क उससे टूट गया था। इसरो के पूर्व निदेशक के. सिवन ने हाल ही में कहा कि मिशन चंद्रयान-3 की कामयाबी से गगनयान जैसे कार्यक्रमों को बड़ी रफ्तार मिलेगी।
चंद्रयान-2 मिशन में हुई नाकामी का जिक्र करते हुए इसरो के पूर्व निदेशक के. सिवन (Former ISRO Director K. Sivan) ने कहा कि- “हमें समझ में आया कि चंद्रयान-2 में क्या गड़बड़ी हुई जब हम चंद्रमा की सतह पर नहीं उतर सके, हमने नाकामियों पर गौर किया और फिर से इस पर काम किया और सुनिश्चित किया कि हम इस बार हम सफल हों। चुनौती चंद्रयान-2 जैसी ही है, लैंडिंग के लिये माहौल भी वैसा ही है। इस बार हमें उम्मीद है कि हमने चंद्रयान-2 के सबक के आधार पर काफी कुछ किया है जो हमें और ज्यादा आत्मविश्वास देता है। अंतरिक्ष में हमेशा अज्ञात चीजें होती हैं… आशा है कि सभी मुद्दों का समाधान हो जायेगा और हम बड़ी कामयाबी के साथ उभरेंगे।”
चंद्रयान-3 का विकास चरण जनवरी 2020 में शुरू हुआ और 2021 में लॉन्च की योजना बनायी गयी। हालांकि कोविड-19 महामारी ने परियोजना पर अस्थायी तौर पर ब्रेक लगा दिया। साल 2008 में लॉन्च किये गये चंद्रयान-1 मिशन की प्रमुख खोज चंद्रमा की सतह पर पानी (H2O) और हाइड्रॉक्सिल (OH) का पता लगाना था। आईएसओ के लैंडर की मदद से डेटा माइंड ने ध्रुवीय इलाकों की ओर उनकी बढ़ी हुई बहुतायत का और खुलासा किया।
भारतीय अंतरिक्ष एवं अनुसंधान संगठन (इसरो) के निदेशक एस. सोमनाथ ने कहा था कि अगर सब कुछ ठीक रहा तो अंतरिक्ष यान 23 अगस्त को चंद्रमा पर उतरेगा। उन्होंने कहा कि, चंद्रमा पर सूर्योदय के आधार पर तारीख तय की गयी है लेकिन अगर इसमें देरी हुई तो लैंडिंग अगले महीने में भी हो सकती है।