न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Chief Minister Ashok Gehlot) ने कई दिनों तक मिले-जुले संकेत भेजने के बाद पुष्टि की है कि वो कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष पद के लिए आगामी चुनाव लड़ेंगे। नेता ने कहा था कि वो चुनाव के लिये नामांकन दाखिल करने की तारीख तय करने से पहले राहुल गांधी (Rahul Gandhi) से पार्टी का अध्यक्ष बनने का आग्रह करेंगे। जाहिर है गांधी अपने रूख पर अडिग रहे कि वो और उनके परिवार के सदस्य आंतरिक चुनावों से दूर रहेंगे।
गहलोत ने कहा, “ये तय है कि मैं (कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिये) चुनाव लड़ूंगा। मैं जल्द ही (उनका नामांकन दाखिल करने के लिये) तारीख तय करूंगा। देश के हालातों को देखते हुए विपक्ष को मजबूत होने की जरूरत है।” कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिये गांधी परिवार की पसंदीदा पसंद गहलोत है, लेकिन जाहिर तौर पर वो पार्टी के नये नियम की वज़ह से थोड़े हिचकते दिख रहे है, जिसमें कहा गया था कि पार्टी में कोई भी शख़्स दो पदों पर नहीं होना चाहिये।
इसका मतलब ये है कि राजस्थान (Rajasthan) कांग्रेस में बड़ी अंदरूनी कलह को झेलते हुए प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट (Sachin Pilot) को पछाड़कर उन्होनें मुख्यमंत्री पद पर और राजस्थान सरकार पर कब्जा करने के लिये जोरदार लड़ाई लड़ी, ऐसे में कांग्रेस अध्यक्ष बनकर वो सीएम पद नहीं छोड़ना चाहते है। इसी मुद्दे पर हाल ही में उन्होनें कहा था कि ये नया नियम मनोनीत नेताओं पर लागू होता है, निर्वाचित नेताओं पर नहीं। दूसरी ओर इस साल की शुरुआत में कांग्रेस चिंतन शिविर के दौरान बनाये गये इस नियम को लागू लेकर कांग्रेस आलाकमान अभी किसी ठोस नतीज़े पर नहीं पहुँच पायी है।
मामले पर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कहा कि- “हमने उदयपुर में जो फैसला किया, हम उस प्रतिबद्धता बनाये रखने की उम्मीद करते हैं।”
अगर सबकुछ राहुल गांधी के कहने के मुताबिक होगा तो पुख़्ता तौर पर गहलोत को सीएम पद छोड़ना पड़ सकता है या फिर वो कांग्रेस अध्यक्ष की दौड़ में शामिल नहीं हो पायेगें।
राहुल गांधी ने आम चुनावों में पार्टी की करारी शिकस्त के हफ्तों बाद साल 2019 में कांग्रेस अध्यक्ष का पद छोड़ दिया । हफ्तों की लंबी बातचीत के बाद कांग्रेस नेताओं ने अंतरिम प्रमुख के तौर पर सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को चुना। कई वरिष्ठ कांग्रेसी राजनेता पूर्णकालिक कांग्रेस अध्यक्ष और पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव की मांग लगातार कर रहे है।
कांग्रेस के 23 वरिष्ठ नेताओं के एक गुट ने साल 2020 में एक धमाकेदार खत लिखकर पार्टी के कामकाज के तरीके में बड़े बदलाव की मांग की थी। कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आजाद (Kapil Sibal and Ghulam Nabi Azad) समेत उनमें से कई नेताओं ने ये कहते हुए पार्टी छोड़ दी कि पार्टी नेतृत्व खुद को दुबारा खड़े करने की योजना के बारे में गंभीर नहीं है।
आजाद ने पिछले महीने सोनिया गांधी को एक तीखा खत लिखा, जिसमें पार्टी की हालत के लिये उनके बेटे राहुल को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने राहुल को अपरिपक्व और बचकाना आदमी भी बताया।
कथित तौर पर गांधी परिवार ने भाजपा के ‘वंशवाद’ के आरोप को नाकाम करने के लिये कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव में तटस्थ रहने का फैसला किया। चुनाव में गहलोत का सामना शशि थरूर और मनीष तिवारी (Shashi Tharoor and Manish Tewari) से हो सकता है।