नई दिल्ली (एएनआई): कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) ने सोमवार को संवाददाताओं से कहा कि भाजपा (BJP) और आरएसएस (RSS) आरक्षण और देश में अनुसूचित जाति/जनजाति और अन्य पिछड़ी जातियों (SC/ST or OBC) की प्रगति के खिलाफ हैं। “भाजपा और आरएसएस की विचारधारा आरक्षण के खिलाफ है। वे कभी नहीं चाहते हैं कि एससी / एसटी प्रगति करें। वे संस्थागत ढांचे को तोड़ रहे हैं। मैं एससी, एसटी, ओबीसी और दलितों से कहना चाहता हूं कि हम आरक्षण को कभी समाप्त नहीं होने देंगे।” मोदी जी या मोहन भागवत इसका सपना देखते हैं।
कांग्रेस सांसद ने यह बात सुप्रीम कोर्ट में उत्तराखंड सरकार की दलीलों के संदर्भ में कही, जिसमें सरकारी नौकरियों में प्रोन्नति में आरक्षण देने के राज्य सरकार के कर्तव्य के मुद्दे से निपटा गया था।
भाजपा सरकार के एक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को कहा था कि सरकारी नौकरियों में प्रोन्नति में आरक्षण एक मौलिक अधिकार नहीं है।
गांधी ने कहा, “आरक्षण उनके डीएनए (DNA) में चुभता है। असली मुद्दा यह है कि आरएसएस और भाजपा इस विचार को ये बात हज़म नही होती कि एसटी / एससी को आरक्षण दिया गया है। उत्तराखंड सरकार की ओर से कानूनी वकील ने इन तर्कों को अदालत में रखा है।”
रविवार को, कांग्रेस पार्टी ने भाजपा को सरकारी नौकरियों और पदोन्नति में अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति (एसटी और एससी) के लिए आरक्षण पर अपना रुख साफ करने के लिए कहा था।
कांग्रेस पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले पर भी सवाल उठाए जिसमें शीर्ष अदालत ने कहा कि राज्य सरकारें राज्य सरकार में पदोन्नति और नौकरियों में एससी, एसटी या ओबीसी को कोटा देने के लिए बाध्य नहीं हैं।
“उत्तराखंड सरकार ने एक स्टैंड लिया है कि राज्य सरकारें पदोन्नति में आरक्षण देने के लिए बाध्य नहीं हैं। केंद्र पहले सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने के लिए गया था जिसमें कहा गया था कि पदोन्नति पर आरक्षण लागू नहीं होना चाहिए।
कांग्रेस के प्रवक्ता डॉ उदित राज ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “केंद्र और राज्य सरकार के विचार इस पर विरोधाभासी हैं। भाजपा को नौकरियों और प्रोन्नति में एसटी / एससी के लिए आरक्षण पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।”
कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने कहा कि उनकी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से असहमत है।