न्यूज डेस्क (देवेंद्र कुमार): जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) में आतंकवाद और अशांति पर अंकुश लगाने की कवायद के तहत केंद्र सरकार ने 14 मोबाइल एप्लिकेशन को ब्लॉक करने का फैसला किया, जिनका इस्तेमाल कथित तौर पर पाकिस्तानी आतंकवादियों (Pakistani Terrorists) की ओर से घाटी में जानकारी इकट्ठा करने और दुष्प्रचार फैलाने के लिए किया जाता था। इन मोबाइल एप्लिकेशन का इस्तेमाल कश्मीर में आतंकवादियों ने अपने समर्थकों और ऑन-ग्राउंड वर्कर्स (OGW) के साथ सम्पर्क बनाने के लिये किया था। ये प्रकरण ऐसे हालातों में सामने आ रहा है, जब केंद्र सरकार ने भारतीय यूजर्स का डेटा चुराने वाले चीनी ऐप्स के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखी है।
बता दे कि सुरक्षा और खुफ़िया एजेंसियां ओवरग्राउंड वर्कर्स और आतंकवादियों के बीच आपस में होने वाली बातचीत को ट्रैक और इंटरसेप्ट करने के लिये कई कम्युनिकेशन चैनलों पर नजर रखती हैं। इसी कवायद के तहत आंतकियों के कम्युनिकेशन को ट्रैक करते हुए एजेंसियों ने पाया कि इन 14 मोबाइल एप्लिकेशन का भारत में कोई प्रतिनिधि नहीं है और ऐप पर होने वाली गतिविधियों को ट्रैक करना खासा मुश्किल है। जिसके चलते इन पर बैन लगाने का फैसला लिया गया।
इसके बाद घाटी में सक्रिय अन्य खुफिया एजेंसियों की मदद से ऐसे ऐप्स की लिस्ट तैयार की गयी जो कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिये खतरा पैदा करते हैं और साथ ही भारतीय कानूनों को नहीं मानते हैं। लिस्ट तैयार होने के बाद संबंधित मंत्रालय को इन मोबाइल ऐप पर बैन लगाने की दरख्वास्त भेज दी गयी। गौरतलब है कि इन ऐप्स को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (Information Technology Act) 2000 की धारा 69ए के तहत ब्लॉक किया गया है।
उच्चाधिकारियों को ऑफिशियल कम्युनिकेशन में खुफिया एजेंसियों ने जानकारी दी है कि ये ऐप घाटी में आतंक का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं। इन मोबाइल ऐप्स में क्रायपवाइजर, एनिग्मा, सेफस्विस, विकरमे, मीडियाफायर, ब्रायर, बीचैट, नंदबॉक्स, कॉनियन, आईएमओ, एलिमेंट, सेकेंड लाइन, जांगी और थ्रेमा खासतौर से शामिल हैं।
इससे पहले केंद्र सरकार ने वित्तीय और लोन घोटालों में इज़ाफे के साथ-साथ भारतीय नागरिकों के लिये बढ़ती सुरक्षा चिंताओं के मद्देनज़र चीन (China) से जुड़े 138 से ज्यादा सट्टेबाजी ऐप्स और 100 लोन मोबाइल ऐप्स पर बैन लगाने का फैसला लिया था।