Jamun: जामुन एक ऐसा वृक्ष जिसके अंग अंग में औषधि है। जायकेदार होने के साथ साथ ये सेहत के लिये काफी फायदेमंद होता है। अगर जामुन की मोटी लकड़ी का टुकड़ा पानी की टंकी में रख दे तो टंकी में शैवाल, हरी काई नहीं जमेगी और पानी सड़ेगा भी नहीं। जामुन की इस खूबी की वज़ह से इसका इस्तेमाल नाव बनाने में बड़ा पैमाने पर होता है। पहले के जमाने में गांवो में जब कुंए की खुदाई होती तो उसके तलहटी में जामुन की लकड़ी का इस्तेमाल किया जाता है, जिसे जमोट कहते है।
दिल्ली (Delhi) की निजामुद्दीन बावड़ी (Nizamuddin Stepwell) का हाल ही में हुए जीर्णोद्धार से पता लगा कि 700 सालों के बाद भी गाद या अन्य अवरोधों की वजह से यहाँ जल के स्तोत्र बंद नहीं हुए हैं। इस बावड़ी की अनोखी बात ये है कि आज भी यहाँ लकड़ी की वो तख्ती साबुत है, जिसके ऊपर यह बावड़ी बनी थी। उत्तर भारत के ज्यादातर कुँओं व बावड़ियों की तली में जामुन की लकड़ी का इस्तेमाल बुनियाद के तौर पर किया जाता था।
सेहत के नज़रिये से विटामिन सी और आयरन से भरपूर जामुन शरीर में न सिर्फ हीमोग्लोबिन की मात्रा को बढ़ाता। पेट दर्द, डायबिटीज, गठिया, पेचिस, पाचन जुड़ी कई समस्याओं को ठीक करने में ये बेहद कारगर है। जामुन के पत्तियों में एंटी डायबिटिक गुण पाये जाते हैं, जो कि ब्लड़ शुगर (Blood Sugar) को कंट्रोल करती है। ऐसे में जामुन की पत्तियों से तैयार चाय का पीने से डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों को काफी फायदा मिलता है। इसके लिये सबसे पहले आप एक कप पानी लें। अब इस पानी को तपेली में डालकर अच्छे से उबाल लें। इसके बाद इसमें जामुन की कुछ पत्तियों को धो कर डाल दें। अगर आपके पास जामुन की पत्तियों का पाउडर है तो आप इस पाउडर को 1 चम्मच पानी में डालकर उबाल सकते हैं। जब पानी अच्छे से उबल जाये, तो इसे कप में छान लें। अब इसमें आप शहद या फिर नींबू के रस की कुछ बूंदे मिक्स करके पी सकते हैं।
जामुन की पत्तियों में एंटी बैक्टीरियल गुण (Anti Bacterial Properties) होते हैं। इसका सेवन मसूड़ों से निकलने वाले खून को रोकने में मदद मिलती है, साथ ही ये संक्रमण को फैलने से रोकता है। जामुन की पत्तियों को सुखाकर टूथ पाउडर के तौर पर इस्तेमाल किया सकता हैं। इसमें एस्ट्रिंजेंट गुण (Astringent Properties) होते हैं, जो कि मुंह के छालों को ठीक करने में काफी मदद करते हैं। मुंह के छालों में जामुन की छाल के काढ़ा का इस्तेमाल करने से फायदा मिलता है। जामुन में मौजूद आयरन खून को शुद्ध करने में मदद करता है।
जामुन की लकड़ी न सिर्फ अच्छी दातुन है बल्कि पानी चखने वाले (जलसूंघा) भी पानी सूंघने के लिये जामुन की लकड़ी का ही इस्तेमाल करते।