बिजनेस डेस्क (अमित त्यागी): प्रवर्तन निदेशालय (ED- Enforcement Directorate) ने बीते शुक्रवार (1 सितंबर 2023) रात कारोबारी और जेट एयरवेज (Jet Airways) के संस्थापक नरेश गोयल (Naresh Goyal) को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया, ये मामला केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये की कथित बैंक धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है। 74 वर्षीय गोयल को ईडी कार्यालय में लंबी पूछताछ के बाद धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत ईडी ने मुंबई में हिरासत में ले लिया।
उम्मीद है कि ईडी आज गोयल को मुंबई की विशेष पीएमएलए कोर्ट में पेश करेगी, जहां एजेंसी उनकी हिरासत की मांग करेगी। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला जेट एयरवेज के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI- Central Bureau of Investigation) की एफआईआर (FIR) के बाद सामने आया। केनरा बैंक में 538 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर में नरेश गोयल, उनकी पत्नी अनीता गोयल और जेट एयरवेज के कुछ पूर्व अधिकारियों का नाम शामिल है।
एफआईआर केनरा बैंक (Canara Bank) की शिकायत की बुनियाद पर दर्ज की गयी थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि बैंक ने जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड (जेआईएल) को लगभग 848.86 करोड़ रुपये की क्रेडिट लिमिट और लोन अप्रूव किये थे। इसमें से 538.62 करोड़ रुपये बकाया है। सीबीआई ने कहा कि कंपनी के खाते को 29 जुलाई 2021 को धोखाधड़ी खाता घोषित किया गया था।
बैंक के आरोपों के मुताबिक JIL के फोरेंसिक ऑडिट से पता चला कि कंपनी ने कुल कमीशन खर्चों में से संबंधित कंपनियों को 1,410.41 करोड़ रुपये का भुगतान किया, कथित तौर पर JIL से पैसे की हेराफेरी की। जेट एयरवेज (इंडिया) लिमिटेड (जेआईएल) के सैंपल समझौते के मुताबिक ये नोट किया गया था कि जनरल सेलिंग एजेंटों (जीएसए) का खर्च जीएसए के जरिये ही किया जाना था, ना कि जेआईएल की ओर से। हालांकि ये देखा गया कि जेआईएल ने भुगतान किया है 403.27 करोड़ रुपये के खर्च जो कि जीएसए के तहत नहीं आते हैं। ये शिकायत अब सीबीआई की एफआईआर का हिस्सा है, जिसकी बुनियाद पर आरोप लगाये गये है।
जेआईएल ने सहायक कंपनी जेएलएल के लिए लोन, एडवांस और विस्तारित निवेश के तौर पर लोन के पैसे का इस्तेमाल किया।