अगर Putin ने जंगी परमाणु हथियार का इस्तेमाल करते हैं तो दुनिया को करना पड़ेगा कयामत का सामना: जो बाइडेन

एजेंसियां/न्यूज डेस्क (शाश्वत अहीर): परमाणु युद्ध के खतरे के बारे में अपनी सबसे मुखर टिप्पणी में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने चेतावनी दी कि अगर उनके रूसी समकक्ष व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) ने यूक्रेन में चल रहे युद्ध को जीतने की कोशिश करने के लिये परमाणु हथियारों का इस्तेमाल किया तो दुनिया को कमायत का सामना करना पड़ सकता है।

द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक गुरूवार (6 अक्टूबर 2022) को न्यूयॉर्क में एक डेमोक्रेटिक फंडराइज़र (Democratic Fundraiser) को संबोधित करते हुए बिडेन ने कहा कि दुनिया 60 साल के बाद एक बार फिर परमाणु तबाही के करीब है। हमने कैनेडी और क्यूबा मिसाइल संकट (Cuba Missile Crisis) के बाद से कमायत की संभावनाओं का सामना नहीं किया है।

बिडेन ने रूसी राष्ट्रपति को लेकर कहा कि, “हमारे पास एक ऐसा लड़का है जिसे मैं अच्छी तरह जानता हूं। जब वो जंगी परमाणु हथियारों, जैविक या रासायनिक हथियारों के संभावित इस्तेमाल के बारे में बात करता है तो वो मजाक नहीं कर रहा है क्योंकि आप कह सकते हैं कि उनकी सेना काफी कम प्रदर्शन कर रही हैं।

द गार्जियन की रिपोर्ट में कहा गया है कि पुतिन और उनके अधिकारियों ने अमेरिका और उसके सहयोगियों को यूक्रेन का समर्थन करने और फरवरी में शुरू किये गये चौतरफा रूसी हमले का विरोध करने में मदद करने की कवायद के तौर पर रूस के परमाणु शस्त्रागार (Russia’s Nuclear Arsenal) का इस्तेमाल करने की बार-बार धमकी दी है। एक डर ये है कि वो कम दूरी के “सामरिक” परमाणु हथियार का इस्तेमाल यूक्रेन (Ukraine) के जवाबी हमले को रोकने के लिये कर सकता है और कीव को बातचीत करने और इलाका को छोड़ने के लिये मजबूर कर सकते है।

अगर रूस ने परमाणु हथियार का इस्तेमाल किया तो वो अमेरिका और उसके सहयोगियों को इस दुविधा में डाल देगा कि कैसे प्रतिक्रिया दी जाये, ज्यादातर विशेषज्ञों और पूर्व अधिकारियों ने भविष्यवाणी की कि अगर वाशिंगटन (Washington) ने सैन्य रूप से हमला किया तो ऐसे में पारंपरिक हथियारों के साथ ये प्रयास करने की संभावना होगी।

बाइडेन ने गुरूवार रात कहा कि, “मुझे नहीं लगता कि सामरिक परमाणु हथियार आसानी से (इस्तेमाल) करने की क्षमता और कमायत के साथ खत्म नहीं होने जैसी कोई चीज है। हम ये पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि पुतिन का ऑफ-रैंप क्या है। वो कोई रास्ता कहां ढूंढता हैं? वो खुद को कहां पाता है जहां वो न सिर्फ चेहरा बल्कि अहम ताकत खो देते है?”

दूसरी ओर अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का मानना ​​है कि पुतिन यूक्रेन में हार को अपने शासन के लिये संभावित बड़े खतरे के तौर पर देखते है। जिसे वो रूस के लिये बड़ी चुनौती मानते है। इसी वज़ह से वो परमाणु हथियारों का इस्तेमाल जायज ठहराते हैं।

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