Jyeshtha Amavasya के मौके पर 30 साल बाद बन रहा है ये दुर्लभ संयोग, जानिए पूजा की तिथि और समय

धर्म डेस्क (नई दिल्ली): एक दुर्लभ योग में पंचांग के अनुसार शनि जयंती, वट सावित्री व्रत और सोमवती अमावस्या सभी इस वर्ष 30 मई को एक ही दिन पड़ेंगे। ज्योतिष के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या (Jyeshtha Amavasya) पर 30 साल बाद ऐसा दुर्लभ संयोग हुआ है। ।

ज्येष्ठ अमावस्या (Jyeshtha Amavasya) तिथि और समय:

ज्येष्ठ अमावस्या तिथि 29 मई रविवार को दोपहर 02:54 से शुरू होकर सोमवार 30 मई को शाम 04:59 बजे तक रहेगी। इसी के आधार पर 30 मई को वट सावित्री व्रत, शनि जयंती और सोमवती अमावस्या मनाई जाएगी।

इस दिन उपासक सर्वार्थ सिद्धि योग में सुबह 07:12 बजे से वट सावित्री व्रत कर सकते हैं। सर्वार्थ सिद्धि योग में शनि देव की पूजा करना फलदायी माना जाता है।

कैसे करें पूजा:

सोमवती अमावस्या के दिन यदि संभव हो तो सुबह नदी में स्नान करें या स्नान की बाल्टी में थोड़ा गंगा जल मिलाकर घर पर स्नान करें। सूर्य देव को जल अर्पित करें और बाद में ब्राह्मण को अन्न, वस्त्र, जल, फल, सब्जी आदि दान करें। सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) पर शिव और माता पार्वती की पूजा करने से लाभ होगा।

दिन के शुभ मुहूर्त में वट वृक्ष, सावित्री और सत्यवान की पूजा करें और वट सावित्री (Vat Savitri) व्रत की कथा पढ़ें या सुनें।

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