न्यूज डेस्क (मुरारी झा): मध्यप्रदेश विधानसभा उपचुनाव (Madhya Pradesh assembly byelection) से पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotirditya Scindia) भाजपा को बड़ा झटका दे सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश का शीर्ष भाजपा नेतृत्व ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थकों को टिकट देने से हिचक रहा है। इन हालातों में कहीं ना कहीं ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर से भी भाजपा छोड़ने के संकेत मिल रहे हैं।
गौरतलब है कि जब उन्होंने भाजपा का दामन थामा था, उससे काफी पहले ही उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल से कांग्रेस से जुड़ी अपनी हर पहचान को खत्म कर दिया था। अब ठीक इसी तरह की कवायद उनकी ओर से एक बार फिर शुरू हो चुकी है। उनके ट्विटर प्रोफाइल पर कहीं भी भाजपा दर्ज नहीं है। फिलहाल मामले पर मध्य प्रदेश भाजपा और ज्योतिरादित्य सिंधिया की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बड़ी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के साथ भाजपा का दामन थामा था। जिसके तहत उन्हें केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनाए जाने का आश्वासन दिया गया। इस दौरान उनके साथ कांग्रेस से भाजपा में 22 विधायक शामिल हुए थे। जिनमें से कुछ को शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल में जगह दी गई। लेकिन मौजूदा हालात उनके पक्ष में नहीं दिखाई देते। उनके समर्थक पूर्व विधायकों को विधानसभा चुनावों की टिकट हासिल करने में खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। और साथ ही अभी तक केंद्र सरकार में सिंधिया को वो स्थान नहीं दिया गया, जिसका उन्हें आश्वासन दिया गया था।
ऐसे में राजनीतिक समीकरण बनते नजर आ रहे हैं कि, ज्योतिरादित्य सिंधिया एक बार फिर से कांग्रेस की ओर रुख़ कर सकते हैं। जिस तरह से उन्होंने ट्विटर पर भारतीय जनता पार्टी से दूरियां बनायी, उसके बड़े सियासी मायने निकाले जा सकते हैं।