एजेंसियां/न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): Kabul Suicide Bombing: अमेरिकी राष्ट्रपति बिडेन ने बीते गुरुवार को (स्थानीय समयानुसार) कसम खायी कि संयुक्त राज्य अमेरिका बम विस्फोटों के लिए जिम्मेदार गुट के खिलाफ हमले करेगा, जिसमें एक दर्जन अमेरिकी सैनिक मारे गये थे। व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम से उन्होनें आधिकारिक बयान जारी किया कि- इस हमले को अंजाम देने वाले ये जान लें कि हम उन्हें माफ नहीं करेंगे। उन्हें इसके गंभीर नतीज़े भुगतने होगें। जल्द ही जिम्मेदार आंतिकियों का ढूढ़ निकाला जायेगा।
राष्ट्रपति ने आगे दावा किया कि अमेरिका उन आईएसआईएस नेताओं (ISIS leaders) को अच्छे से जानता है, जिनके इशारे पर इन हमलों को अंजाम दिया गया। हम बड़े सैन्य अभियानों के बिना उन्हें चुनकर खोज निकालने की तरीका अच्छे से जानते है। भले ही वो कहीं भी हों। बिडेन ने अपने संदेश में साफ कर दिया कि आईएसआईएस-के पर ज़वाबी हमला करने के लिये सैन्य कमांडरों को आदेश जारी कर दिये गये है। सटीक लक्ष्य के लिये हम जगह और समय का चुनाव करेगें।
अमेरिकी कमांडर इन चीफ ने ये भी घोषणा की कि अमेरिका महीने के अंत तक अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की अपनी योजना को पूरा करेगा। बिडेन ने जोर देकर कहा कि “हम कर सकते हैं और हमें इस मिशन को पूरा करना होगा और हम करेंगे और यही मैंने उन्हें करने का आदेश दिया है। हम आतंकवादियों से नहीं डरेंगे। हम उन्हें अपने मिशन को रोकने नहीं देंगे। हम अपने लोगों को अफगानिस्तान से निकालना जारी रखेंगे।”
पेंटागन के अधिकारियों ने कहा कि दो आत्मघाती हमलावर जो कि आईएसआईएस खुरासान (ISIS Khorasan) से जुड़े हुए है। वो इस हमले में शामिल थे। एक बम हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के ठीक बाहर गेट के पास फटा, जिसके बाद गोलियां चलीं और दूसरा बम कुछ ही दूरी पर बैरन होटल के पास फटा।
गुरुवार का हमला अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना के लिये बीते एक दशक का सबसे घातक दिन रहा। गुरुवार को हुए बम धमाकों में कम से कम 60 अफगान नागरिक भी मारे गये। अमेरिकी राष्ट्रपति ने एक क्षण का मौन रखा और काबुल विस्फोट में मारे गये अमेरिकी सेवा दल के सदस्यों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। अपने संदेश में बिडेन ने जान गंवाने वाले अमेरिकी सेवा दल के सदस्यों को "हीरो" कहा।
उन्होंने कहा, "आज हमने जो जीवन खोया, वे स्वतंत्रता की सेवा, सुरक्षा की सेवा, दूसरों की सेवा, अमेरिका की सेवा में कुर्बान हो गये। बाइडेन ने जोर देकर कहा कि, "मेरा ये विचार कभी नहीं रहा है कि हमें अफगानिस्तान में एक लोकतांत्रिक सरकार (Democratic Government) स्थापित करने के लिये अमेरिकी जीवन का बलिदान देना चाहिये, एक ऐसा मुल्क जिसने अपने पूरे इतिहास में 20 सालों तक युद्ध झेला और एक बार भी संयुक्त देश नहीं रहा है।
बाइडेन प्रशासन (Biden Administration) ने हाल ही में कुछ दिनों पहले हवाईअड्डे के आसपास आतंकवादी हमले की बढ़ती संभावना के बारे में स्पष्ट चेतावनी दी थी कि अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में लंबे समय तक रहे। अधिकारियों ने हाल के दिनों में अमेरिकियों और अफगान नागरिकों को निकालने के लिये अपनी कोशिशों में तेजी लाने पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही थी। वाशिंगटन अफगानिस्तान से उन लोगों को निकालना चाहता है जिन्होनें अमेरिकी युद्ध के प्रयासों में मदद की थी या जिन्हें तालिबान शासन के तहत कमजोर आबादी माना जाता था।
अमेरिका ने जुलाई के आखिर से अब तक अफगानिस्तान से 100,000 से ज़्यादा लोगों को निकाला है। विदेश विभाग ने कहा कि गुरुवार को अफगानिस्तान में लगभग 1,000 अमेरिकी बाकी थे, जिनमें से लगभग 700 वहां से निकलने के लिये पूरी तरह तैयार है। पेंटागन में एक संवाददाता सम्मेलन में जनरल केनेथ मैकेंजी (General Kenneth McKenzie) ने कहा कि घायलों में 15 अमेरिकी सैनिक हैं। उन्होंने कहा कि हमलों को दो आत्मघाती बम विस्फोटों के बाद अंजाम दिया गया, जिसके बाद गोलियां चलीं।
एक अमेरिकी अधिकारी ने द एसोसिएटेड प्रेस (The Associated Press) को बताया कि हमले को इस्लामिक स्टेट समूह खुरासान का पुख़्ता तौर पर हाथ है। जबकि मैकेंज़ी ने आईएसआईएस-के को दोषी नहीं बताया उन्होंने कहा कि "आईएसआईएस-के से खतरा बहुत संभावना है।"
मैकेंजी ने कहा कि वाशिंगटन के निर्देशों पर अब तक कुल 104,000 लोगों को अफगानिस्तान से सकुशल बाहर निकाला गया है। जिसमें लगभग 5,000 अमेरिकी शामिल हैं। उनका अनुमान है कि अफगानिस्तान में लगभग 1,000 अमेरिकी बचे हैं। आगामी मंगलवार यानि 31 अगस्त 2021 तक बिडेन प्रशासन द्वारा अफगानिस्तान से अमेरिकी सैन्य बलों की पूरी तरह से वापस की समय सीमा समाप्त होने वाली है।