Karnataka: खत मामले में सीएम सिद्धारमैया ने एचडी कुमारस्वामी पर कसा तंज, कहा- मामले में बीजेपी या उसका भाई जिम्मेदार

न्यूज डेस्क (गौरांग यदुवंशी): कर्नाटक (Karnataka) के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (Chief Minister Siddaramaiah) ने सवाल किया है कि क्या राज्यपाल की ओर से सरकार से शिकायत की जांच करने के लिये कहने के बाद कृषि मंत्री एन चेलुवरैयास्वामी (Agriculture Minister N Cheluvarayaswamy) पर अधिकारियों से रिश्वत मांगने का आरोप लगाने वाले फर्जी खत के पीछे भाजपा या उसके भाई (एचडी कुमारस्वामी) का हाथ था। भाई बयान जद (एस) नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी पर सीधा सीधा करार सियासी तंज था।

हाल के विधानसभा चुनावों के बाद विपक्षी भाजपा (BJP) और जद (एस) एक-दूसरे को लेकर खासा गर्मजोशी दिखा रहे हैं। कथित तौर पर चेलुवरायस्वामी की आलोचना करते हुए खत में मांड्या जिले (Mandya District) में तैनात सात सहायक कृषि निदेशकों ने मंत्री पर विभाग के अधिकारियों से 6 से 8 लाख रुपये की मांग करने का आरोप लगाया। शिकायत करने वालों ने खत में धमकी दी है कि अगर इस तरह की भ्रष्ट गतिविधियों को नहीं रोका गया तो वो अपने परिवार के सदस्यों के साथ आत्महत्या कर लेंगे।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बीते सोमवार (7 अगस्त 2023) को ट्वीट कर लिखा, ”ये पता चला है कि खुला खत पूरी तरह से बेबुनियादी और फर्जी है। संयुक्त कृषि निदेशक पहले ही साफ कर चुके हैं कि जिले के किसी भी अधिकारी ने ऐसा खत नहीं लिखा है। बीजेपी के नेताओं क्या आप सरकार या अपने भाई के खिलाफ बदनामी फैलाने वाले ऐसे फर्जी खत के कर्ताधर्ता हैं?”

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार इस मामले की समीक्षा करेगी और आश्वासन दिया कि अगर जरूरी हुआ तो जांच करायी जायेगी।

खत हासिल होने के बाद राज्यपाल थावरचंद गहलोत (Governor Thaawarchand Gehlot) ने इस मुद्दे को देखने और नियमों के मुताबिक आवश्यक कार्रवाई करने के लिये 1 अगस्त को इसे मुख्य सचिव वंदिता शर्मा (Chief Secretary Vandita Sharma) को भेज दिया। मंत्री चेलुवरायस्वामी ने भी कहा कि उनके खिलाफ राज्यपाल को लिखा गया खत फर्जी लगता है और कहा कि वो इसकी प्रामाणिकता का पता लगाने की कोशिश करेंगे।

चेलुवरयास्वामी आगे ने कहा कि उन्होंने मांड्या जिले के कृषि संयुक्त निदेशक वीएस अशोक (Agriculture Joint Director VS Ashok) से बात की, जिन्होंने कहा कि ये फर्जी खत था।

इस बीच अशोक ने सोमवार को मांड्या के सभी तालुकों के सहायक निदेशकों के साथ एक बैठक बुलाई और उनसे पूछताछ की कि क्या उन्होंने राज्यपाल को कोई खत लिखा है। इस पर ‘सभी ने एक सुर में कहा कि उन्होंने राज्यपाल को कोई खत नहीं लिखा है।’

जिसके बाद मंत्री चेलुवरयास्वामी ने कहा कि, “ये एक फर्जी खत लगता है। कुछ लोग मेरे बारे में कुछ जानने की कोशिश कर रहे हैं। मैं अपने विभाग के सचिव से इसकी जांच करने के लिये कहूंगा।”

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